बांग्लादेश

बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को नष्ट करने की साजिश, हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी

बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को नष्ट किया जा रहा है। दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और हिंदू समुदाय पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने इसके पीछे साजिशों का हाथ बताया है, जिसमें बांग्लादेश की पुलिस, सेना और आतंकवादी ताकतें शामिल हैं।

हिंदूओं पर हमला

आलोक कुमार ने बांग्लादेश के हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिन मुद्दों को साजिशों के आधार पर उठाया गया था, उन्हीं मुद्दों के कारण हिंदू मंदिरों को नष्ट किया जा रहा है। उनके ऊपर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब यह सुनने को मिल रहा है कि बांगलादेश की पुलिस, सेना और जिहादी इन उपद्रवियों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ भारत और हिंदू समुदाय के लिए चुनौती नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता और दुनिया के लिए एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से हिंदूओं को निशाना बनाया जा रहा है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी

भारत ने इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हालांकि बांग्लादेश ने इसे अपना आंतरिक मामला बताते हुए खारिज कर दिया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा हिंदूओं पर हो रहा अत्याचार

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेशी हिंदुओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए बांग्लादेश से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। हालांकि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे तथ्यहीन और दोस्ती की भावना के विपरीत बताया है। बांग्लादेश ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी विभिन्न कानूनी आरोपों के तहत हुई है। बांग्लादेश ने यह भी कहा कि भारत का बयान दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान पहुंचाने वाला है।

बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति

बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर लगातार हमले और उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ रही हैं। मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। हिंदुओं को अपने धार्मिक अधिकारों और सुरक्षा को लेकर संघर्ष करना पड़ रहा है।

भारत का रुख साफ

भारत ने बांग्लादेश को फटकार लगाते हुए कहा कि बांग्लादेश जिस आंतरिक मामले की बात कर रहा है, क्या जब पाकिस्तान की बर्बरता का सामना कर रहे ईस्ट पाकिस्तान ने भारत से मदद मांगी थी, तो क्या वह उनका आंतरिक मामला नहीं था? जब बांग्लादेश में हिंदू खतरे में हैं, तो भारत को चुप रहने की सलाह क्यों दी जा रही है?