बांग्लादेश

बांग्लादेश में ISKCON के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास गिरफ्तार, राजद्रोह का आरोप

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही स्थिति गंभीर बनी हुई है। अब ताजा खबर आ रही है कि बांग्लादेश पुलिस ने सोमवार को इस्कॉन के पुजारी और हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को ढाका एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया है। वहीं हिंदू समूह का दावा चिन्मय दास को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राजद्रोह के मामले में कार्रवाई हुई है।

राजद्रोह का केस

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही स्थिति गंभीर बनी हुई है। मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार लगातार कई ऐसे फैसले ले रही है, जो हिंदू समुदाय के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार जानबूझकर हिंदूओं को टारगेट करने के लिए ऐसे फैसले ले रहे हैं। कहा जा रहा है कि यूनुस सरकार नहीं चाहती थी कि चिन्मय दास देश से बाहर निकलें और यही वजह रही कि वह जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचे उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है।

चिन्मय कृष्ण दास पर केस

बता दें कि अक्टूबर के आखिर में बांग्लादेश सरकार ने चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था। दरअसल उनकी अगुवाई में चटगांव में एक रैली हुई थी, जिसमें भारी संख्या में हिंदू जुटे थे। इसी से मोहम्मद यूनुस की सरकार बौखलाई हुई थी। वहीं चिन्मय पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने इस रैली में देश देश की संप्रभुता और अखंडता को तोड़ने की कोशिश करते हुए बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है। बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसा को लेकर चिन्मय दास हमेशा से ही अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले ही हिंदुओं के समर्थन में रैली भी निकाली थी।

निशाने पर हिंदू

बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के कारण शेख हसीना की सरकार के पतन और तख्तापलट के बाद से वहां रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदू निशाने पर हैं। इतना ही नहीं छात्र आंदोलन के दौरान हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया था। बांग्लादेश के खुलना, मेहरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर को भी निशाना बनाया था। वहीं इन सभी हमलों को लेकर चिन्मय प्रभु ने हिंदू मंदिरों की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई थी। उन्होंने उस दौरान कहा था कि चटगांव में तीन मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू समुदाय ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के साथ मिलकर अब तक उन्हें बचाया है।