Israel-Hezbollah conflict

इजरायल और हिजबुल्लाह ने संघर्षविराम की उड़ाई धज्जियां, एक दूसरे पर जमकर किया हमला, 11 की मौत

Israel-Hezbollah conflict: हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच पिछले हफ्ते हुए संघर्षविराम समझौते की धज्जियां उड़ गई हैं। इजरायल और लेबनान स्थित हिजबुल्लाह संगठन के बीच सोमवार को भीषण लड़ाई हुई, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगाया है।

संघर्षविराम की कैसे उड़ी धज्जिया 

इजरायल (Israel)  और हिजबुल्लाह के बीच तनाव रविवार को उस समय बढ़ गया, जब हिजबुल्लाह ने इजरायली सैन्य चौकी पर राकेट दागे। हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने माउंट डोव क्षेत्र में इजरायली सैन्य ठिकाने पर हमला किया। यह क्षेत्र शेबा फार्म्स के नाम से भी जाना जाता है, जो एक विवादित इलाका है जहां लेबनान, सीरिया और इजरायल की सीमाएं मिलती हैं।

हिजबुल्लाह (Hezbollah) ने इस हमले को ‘रक्षात्मक और चेतावनी प्रतिक्रिया’ बताया। उसका कहना था कि इजरायल लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा था। हालांकि, इजरायल ने कहा कि हिजबुल्लाह के राकेट खुले क्षेत्रों में गिरे और कोई नुकसान नहीं हुआ।

Israel-Hezbollah conflict

इजरायल की जवाबी कार्रवाई

हिजबुल्लाह के हमले के बाद इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई की। इजरायली सेना ने लेबनान में कई जगहों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हारिस गांव में हुए हवाई हमले में पांच लोग मारे गए और दो घायल हो गए। वहीं तल्लौसा गांव में हुए हमले में चार लोगों की मौत हुई और दो घायल हुए।

इजरायली सेना का कहना है कि उसने हिजबुल्लाह के लड़ाकों, बुनियादी ढांचे और राकेट लांचरों को निशाना बनाया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह के हमले को ‘संघर्षविराम का गंभीर उल्लंघन’ बताया और कहा कि इजरायल ‘कड़ाई से जवाब देगा’।

अभी भी जीवत है संगर्ष विराम – अमेरिका 

अमेरिका और फ्रांस, जिन्होंने पिछले हफ्ते के संघर्षविराम (ceasefire) समझौते में मध्यस्थता की थी, उन्होंने कहा है कि वे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि ‘मोटे तौर पर, संघर्षविराम बना हुआ है’।

हालांकि, यह नया संघर्ष पिछले हफ्ते हुए समझौते की नाजुकता को दर्शाता है। समझौते के तहत, हिजबुल्लाह को 60 दिनों के भीतर दक्षिणी लेबनान से अपनी सशस्त्र उपस्थिति समाप्त करनी थी, जबकि इजरायली सेना को भी इसी अवधि में वापस लौटना था। लेकिन दोनों ही पक्ष इसको पूर्णतः लागू करने में विफल रहे हैं।

 

 

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