Israel-Hezbollah war: लंबे समय से चल रहे इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष अब लगता थमने वाला है। बुधवार को सुबह 4 बजे (स्थानीय समय) से दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम लागू हो गया है। यह समझौता अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुआ है, जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की। इस समझौते से लगभग 14 महीने से चल रही हिंसा पर विराम लगने की उम्मीद है, जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी और लाखों लोग विस्थापित हुए थे।
क्या है समझौते की प्रमुख बातें ?
इस ऐतिहासिक समझौते में कई महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं:
– दोनों पक्षों ने 60 दिनों के लिए युद्धविराम पर सहमति जताई है। इस दौरान सभी प्रकार की सैन्य गतिविधियां रोक दी जाएंगी।
– इजरायल अपनी सेना को 60 दिनों के भीतर धीरे-धीरे दक्षिणी लेबनान से वापस बुलाएगा।
– इजरायली सेना की वापसी के बाद लेबनानी सेना और सुरक्षा बल इस क्षेत्र पर नियंत्रण करेंगे।
– हिजबुल्लाह को अपने लड़ाके और भारी हथियारों को इजरायली सीमा से लगभग 20 मील (लगभग 32 किलोमीटर) पीछे लिटानी नदी तक हटाना होगा।
– समझौते के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक संयुक्त तंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसमें संयुक्त राष्ट्र शांति सेना (UNIFIL), अमेरिका, फ्रांस और लेबनानी सेना शामिल होंगी।
क्या होंगी चुनौतियां ?
– राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि यह समझौता ‘स्थायी युद्धविराम’ के लिए बनाया गया है। लेकिन क्या यह वास्तव में लंबे समय तक चलेगा, यह देखना बाकी है।
– यह समझौता इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष पर केंद्रित है, गाजा में चल रहे इजरायल-हमास युद्ध का इस पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह एक बड़ा सवाल है।
– दोनों पक्षों के लाखों नागरिक विस्थापित हुए हैं। उनकी सुरक्षित और शांतिपूर्ण वापसी सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होगी।
– दोनों पक्षों द्वारा समझौते का पूरी तरह से पालन किया जाए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा। इजरायल ने पहले ही चेतावनी दी है कि वह किसी भी उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई करेगा।