राजस्थान(डिजिटल डेस्क)।Jagannath Mandir: हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा (Jagannath Mandir) बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इन चार धाम में रामेश्वरम, बद्रीनाथ, द्वारिकापुरी और जगन्नाथ पुरी का नाम शामिल है। पुरी का जगन्नाथ मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। जैसे बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का 8वां बैकुंठ माना जाता है वैसे ही जगन्नाथ धाम (Jagannath Mandir) को धरती का बैकुंठ धाम माना जाता है। जगन्नाथ मंदिर अपने आप में अलौकिक है और अपने रहस्यों और चमत्कारों की वजह से यह मंदिर पूरे विश्च में प्रसिद्ध है। आज हम आपकों इस मंदिर से जुड़े ऐसे रहस्यों के बारे में बताने जा रहे है जिनको आज तक विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया है।
रसोई घर का रहस्य
कहा जाता है कि जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Mandir) में विश्व की सबसे बड़ी रसोई घर बना हुआ है। इस घर में रोजाना 500 रसोईयां और 300 उनके सहकर्मी मिलकर लाखों लोगों के लिए प्रसाद बनाते है। इसका एक रहस्य यह है कि यहां चाहे कितने ही भक्त आ जाए लेकिन भक्तों के लिए कभी भी प्रसाद कम नहीं पड़ता और जैसे ही मंदिर का गेट बंद होने लगता है तब प्रसाद अपने आप खत्म हो जाता है। मतलब थोड़ा सा भी प्रसाद व्यर्थ में नहीं फेका जाता ।
इसके अलावा इस रसोई का दूसरा रहस्य यह है कि भक्तों के लिए प्रसाद पकाने के लिए सात बर्तन एक के ऊपर एक रखे जाते है और यह बर्तन मिट्टी के बने होते है। इस प्रसाद को चूल्हे पर ही पकाया जाता है लेकिन सबसे आश्चर्य की बात ये है सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान सबसे पहले पकता है और उसके बाद नीचे से एक के बाद एक प्रसाद पकता है।
12 साल में बदली जाती है मंदिर की मूर्तियां
इस मंदिर में जगन्नाथ, बलदेव और देवी सुभद्रा तीनों की मूर्तियों की पूजा की जाती है और हर 12 साल बाद इन मूर्तियों को बदल दिया जाता है। इन मूर्तियों की जगह दूसरी नई मूर्तियां स्थापित की जाती है। लेकिन मूर्ति बदलने से जुड़ा एक रोचक बात यह है कि जब भी इन मूर्तियों को बदला जाता है तब मंदिर के आस पास और पूरे शहर की बिजली काट दी जाती है। मंदिर के बाहर CRPF की सुरक्षा तैनात कर दी जाती है। सिर्फ मूर्ति बदलने वाले पुजारी को ही मंदिर में जाने की अनुमति होती है और उनकी आंखों पर ही पट्टी बांधी जाती है और हाथों में ग्लव्स पहनाएं जाते है।
नहीं दिखती मंदिर की परछाई
ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर करीब 4 लाख वर्ग फीट के एरिया में फैला हुआ है। जिसकी ऊंचाई करीबन 214 फीट है। इस मंदिर से जुड़ा एक रहस्य यह भी है कि इस मंदिर के शिखर की छाया कभी नहीं नजर नहीं आती और यह हमेशा अदृश्य ही रहती है। मंदिर की परछाई ना दिखने को पीछे का रहस्य आज तक विज्ञान भी नहीं खोज पाया है।
च्रक और झंडा का रहस्य
जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक चक्र बना हुआ है जो करीबन 20 फीट ऊंचा और एक टन से ज्यादा भारी है। इस चक्र से जुड़ी खास बात यह है कि आप इस चक्र को शहर के किसी भी हिस्से से देख सकते है और आप मंदिर के किसी भी हिस्से से खड़े होकर इस चक्र को देखेेंगे तो आपको यह चक्र अपनी ओर घूमा हुआ ही प्रतीत होगा। इसके अलावा इस मंदिर में झंडे से जुड़ा हुआ भी एक रहस्य है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर का झंडा हमेशा हवा की दिशा से विपरीत उड़ता है। मतलब जिस दिशा में हवा में बहती है यह झंडा उस हवा के विपरीत दिशा में ही उड़ता है।
सिंहद्वार का रहस्य
यह मंदिर एक समुद्र किनारे बसा हुआ है। इस मंदिर में एक सिंहद्वार बना हुआ है। माना जाता है कि जब तक आप सिंहद्वार के अंदर प्रवेश नहीं करते तब तक आपको समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई देगी लेकिन जैसे ही आप सिंहद्वार के अंदर प्रवेश करते है तो समु्द्र की लहरों की आवाज आना बंद हो जाती है।
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