JAIPUR: झारखंड में स्थित जैन तीर्थस्थल सम्मेद शिखर के लिए एक और जैन मुनि ने अपने प्राण त्याग दिए. गुरुवार देर रात एक बजे मुनि समर्थ सागर का निधन हो गया. चार दिन में ये दूसरे संत हैं,जिन्होंने अपनी देह त्याग दी है. झारखंड सरकार ने सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित कर दिया है.उसके इस कदम का देश और दुनिया का जैन समाज विरोध कर रहा है.जैन समाज का कहना है कि झारखंड समाज के इस कदम से सम्मेद शिखरजी की पवित्रता को खतरा है.
जैन मुनी ने कहां त्यागे प्राण
मुनि समर्थ सागर जयपुर के सांगानेर स्थित संघीजी दिगम्बर जैन मंदिर में आमरण अनशन कर रहे थे.उन्होंने तीन दिन से अन्न का त्याग कर रखा था. सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में इसी मंदिर में जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने 3 दिसंबर मंगलवार को प्राण त्यागे थे.
मंदिर में आचार्य सुनील सागर महाराज प्रवास पर हैं. उनके सानिध्य में ही मुनि समर्थ सागर को जैन रीति-रिवाजों के साथ आज समाधि दी जाएगी. समर्थ सागर महाराज की डोल यात्रा संघी जी मंदिर से विद्याधर नगर जाएगी.मंदिर सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार की सुबह एक बजे जैन मुनि समर्थ सागर ने अपनी देह त्याग दी. इन्होंने श्री सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अपनी देह का बलिदान दिया है. उनका यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा.
समर्थ सागर महाराज आचार्य सुनील सागर महाराज के ही शिष्य हैं. इससे जब सुज्ञेयसागर महाराज ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था तब समर्थ सागर जी ने धर्मसभा के दौरान अनशन का संकल्प लिया था. उसी समय से वह उपवास पर चल रहे थे
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