भारत-अमेरिका संबंधों पर जयशंकर का भरोसा: “चुनाव का नतीजा कुछ भी हो, रिश्ते मजबूत रहेंगे”
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और दुनिया भर की नजरें इस चुनाव के नतीजों पर टिकी हुई हैं। भारत के लिए यह चुनाव अहम है क्योंकि अमेरिका हमारा एक महत्वपूर्ण साझेदार है। इस बीच, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बारे में अपने विचार साझा किए हैं।
भारत-अमेरिका के रिश्ते रहेंगे मजबूत: Jaishankar
जयशंकर ने कहा कि चाहे अमेरिकी चुनाव का नतीजा कुछ भी हो, भारत-अमेरिका के रिश्ते मजबूत बने रहेंगे। उन्होंने यह बात ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में कही, जहां वे एक यात्रा पर हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले पांच अमेरिकी राष्ट्रपतियों के समय में भारत-अमेरिका संबंध लगातार बेहतर हुए हैं। इसमें डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल भी शामिल है। जयशंकर ने कहा कि इसलिए हमें भरोसा है कि आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।
ट्रम्प ने किया क्वैड को जिन्दा
Jaishankar ने ट्रंप की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने क्वाड गठबंधन को फिर से जिंदा किया था। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। यह गठबंधन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
अमेरिका में 5 नवंबर को वोटिंग होगी। नतीजे अगले दिन यानी 6 नवंबर को आ सकते हैं। लेकिन कभी-कभी नतीजों में देरी भी हो सकती है। कई बार तो नतीजे आने में हफ्ते या महीने भी लग जाते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ बैठक
जयशंकर इन दिनों ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर की यात्रा पर हैं। वे 7 नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया में रहेंगे और फिर 8 नवंबर को सिंगापुर जाएंगे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
इस बैठक में दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर बात हुई। इनमें राजनीतिक संबंध, रक्षा और सुरक्षा सहयोग, व्यापार, लोगों का आना-जाना और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग शामिल थे। साथ ही, दोनों देशों ने अपने-अपने पड़ोसी देशों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, पश्चिम एशिया, यूक्रेन और वैश्विक स्थिति पर भी चर्चा की।
Jaishankar ने ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीयों से भी मुलाकात की। उन्होंने ब्रिस्बेन में एक नए भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन भी किया।
जयशंकर ने अमेरिकी चुनाव और भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में अपने विचार साफ तौर पर रखे। उनका मानना है कि दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हैं और आगे भी ऐसे ही रहेंगे। साथ ही, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के बढ़ते संबंधों पर भी प्रकाश डाला।
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