Jaishankar Spain visit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की बढ़ती ताकत और मुश्किल समय में मदद करने की उसकी क्षमता पर जोर दिया है। उन्होंने स्पेन की यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय से बातचीत की और कहा कि भारत और स्पेन के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं।
स्पेन के राजनयिक समुदाय के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए जयशंकर ने बताया कि उन्हें स्पेन के विदेश मंत्री ने एक बड़े सम्मेलन में वहां के राजदूतों को संबोधित करने के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब ऐसा हुआ।
भारत से आज हर देश अच्छे सम्बन्ध चाहता है
Interacting with the Indian community in Spain.
🇮🇳 🇪🇸
https://t.co/Pw47cvH3fL— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 14, 2025
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के बढ़ते प्रभाव पर बात करते हुए कहा कि, “जब कोई देश का विदेश मंत्रालय या राजदूत आपको बुलाकर बातचीत करने के लिए कहता है, तो यह समझने वाली बात होती है कि ऐसा क्यों हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात को देखते हुए आज हर देश को लगता है कि भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाना उनके लिए फायदेमंद है।
विदेश मंत्री ने नए भारत की चर्चा करते हुए कहा कि आज दुनिया में हमें आर्थिक ताकत और नेतृत्व के लिए पहचाना जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत अभी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी बनने की राह पर है।
रूस और यूक्रेन पर कही ये बात
– विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आज भारत को दुनिया एक ऐसे देश के रूप में देखती है, जो वैश्विक मुद्दों पर अपना अहम योगदान देता है। उन्होंने बताया कि भारत उन कुछ गिने-चुने देशों में से है, जो रूस और यूक्रेन दोनों से बात कर सकता है। पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा किया। इसी तरह, भारत ईरान और इजरायल जैसे विपरीत विचारधारा वाले देशों के साथ भी संवाद कर सकता है।
– विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी में यह क्षमता है कि वह दोनों – क्वाड और ब्रिक्स का हिस्सा बन सकते हैं। उन्होंने बताया कि भारत ने अफ्रीका को जी-20 में शामिल करने के लिए जोरदार कोशिश की थी। साथ ही, उन्होंने कोविड-19 महामारी के समय भारत की मददगार भूमिका का भी जिक्र किया।
कोविड काल पर भारत की मदद को सराह
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने मुश्किल समय में दुनिया के कई देशों की मदद की है। उन्होंने बताया कि 100 से ज्यादा देश मानते हैं कि अगर उन्हें टीके मिले, तो इसका श्रेय भारत को जाता है।
उन्होंने यह भी याद किया कि जब स्पेन के राष्ट्रपति सांचेज़ को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की जरूरत पड़ी, तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से दूसरों की मदद करने और बातचीत का रास्ता निकालने में आगे रहा है। यह सिर्फ पैसे या संसाधनों की बात नहीं है, बल्कि भरोसेमंद ब्रिज बनने की है। भारत ने यह साबित किया है कि वह दिल और दिमाग दोनों से इस भूमिका को निभाने में सक्षम है।