Jaya Ekadashi 2024: 20 फरवरी को मनाई जाएगी जया एकादशी, जानिए पूजा विधि और नियम
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Jaya Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत और पूजा (Jaya Ekadashi 2024) का खास महत्व माना गया है। पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की जया एकादशी व्रत कल यानी 20 फरवरी 2024, मंगलवार को रखा जा रहा है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और साथ ही व्यक्ति को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान की पूजा विधिवत रूप से करने और व्रत सभी नियमों के साथ करना चाहिए। माना जाता है नियमों के अनुसार व्रत करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते है इस व्रत की पूजा विधि ओर इस व्रत से जुड़े नियम:-
जया एकादशी पूजा विधि:-
एकादशी के दिन साधक को सूर्योदय से पहले स्नान करके भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प करना चाहिए। इसके बाद पूजा स्थान की साफ सफाई कर भगवान विष्णु की मूर्ति को जल से स्नान करना चाहिए। स्नान कराते समय ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए। इसके उपरांत भगवान को पीले वस्त्र, चंदन, जनेऊ, गंध, पुष्प,तिल,अक्षत, धूप-दीप, नैवैद्य,ऋतुफल, नारियल और पान अर्पित करना चाहिए। इसके बाद कपूर से आरती करनी चाहिए। इस दिन साधक को सिर्फ सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
जया एकादशी व्रत नियम:-
ग्रंथों में इस व्रत (Jaya Ekadashi 2024) से जुड़े कई नियमों का वर्णन किया गया है। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताने जा रहे है जिसके पालन के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है। इन नियमों का पालन ना करने से व्रत में पूरा नहीं माना जाता और व्रत का प्रभाव भी खत्म हो जाता है।
1. जया एकादशी के व्रत नियमों के अनुसार इस व्रत को करने से एक दिन पहले तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। ना ही मांस, मदिरा, अंडा खाना चाहिए।
2. जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती हैं और सभी जानते है कि भगवान विष्णु को तुलसी कितनी प्रिय है। ऐसे में जया एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते ना तोड़े और ना ही छूए। इसके लिए आप एक दिन पहले ही तुलसी दल पूजन के लिए तोड़ कर सकते है।
3. एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित होता है। तो गलती से भी चावल का सेवन ना करें ना ही परिवार के दूसरे सदस्यों को खाने दे।
4. व्रत के दिन उपवास करने वाले लोगों को कुछ कार्य करने की मनाही होती है। जैसे व्रत के दिन नाखून,बाल,दाढ़ी ना काटे ना ही इस दिन घर की महिलाएं अपने बाल धोएं।
5. जया एकादशी के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को क्रोध, चुगली,गलत व्यवहार, किसी का अपमान या फिर अभद्र भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए।
जया एकादशी पारण नियम:-
एकादशी व्रत (Jaya Ekadashi 2024) का पारण तिथि के अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। पारण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि अगले दिन द्वादशी समाप्त होने से ही कुछ ग्रहण कर ले। मान्यता है कि द्वादशी के दिन पारण नहीं पाप करने जैसा होता है। पारण का सबसे अच्छा समय सुबह ही माना जाता है। इसलिए कोशिश करें सुबह के समय ही व्रत का पारण कर लें।
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