Jhalawar Lok Sabha Chunav 2024: जयपुर। लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। एक बार फिर पीएम मोदी के नेतृत्व में NDA सत्ता बरक़रार रखने और जीत की हैट्रिक लगाने के लिए पुरजोर ताकत के साथ चुनावी मैदान में डटे हुए है। राजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरण में होगा। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 और 26 अप्रैल को होना है। भाजपा ने राजस्थान की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। हम लगातार आपको राजस्थान की सभी सीटों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे राजस्थान की झालावाड़ लोकसभा सीट (Jhalawar Lok Sabha Chunav 2024) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां….
भाजपा ने दुष्यंत सिंह को बनाया प्रत्याशी:
राजस्थान में 25 लोकसभा सीट है। राजस्थान की झालावाड़-बारां लोकसभा सीट साल 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इस सीट पर अभी तक तीन बार चुनाव हुए हैं, और तीनों ही बार दुष्यंत सिंह ने जीत हासिल की है। इस सीट पर वसुंधरा राजे का काफी दबदबा है वो खुद इस सीट से पांच बार सांसद रह चुकी है। इसी समीकरण को ध्यान में रखकर भाजपा ने एक बार फिर उनके पुत्र दुष्यंत सिंह पर दांव खेला है। झालावाड़-बारां लोकसभा सीट को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। यहां वसुंधरा राजे के समर्थन में लोग जमकर वोटिंग करते है। यहीं कारण है कि इस सीट के लिए कांग्रेस इतनी ख़ास तैयारी नहीं करती है।
दुष्यंत सिंह का राजनीतिक करियर:
दुष्यंत सिंह का जन्म मुंबई में हुआ था। दुष्यंत सिंह राजस्थान के युवा राजनेताओं में से एक हैं। 2004 में दुष्यंत सिंह को झालावाड़ निर्वाचन क्षेत्र से 14 वीं लोकसभा के लिए चुना गया था। उन्होंने कांग्रेस के संजय गुर्जर को 81,579 मतों से हराया था। 2009 में एक बार फिर दुष्यंत 15 वीं लोकसभा के सदस्य बने यह इनका दूसरा कार्यकाल था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की उर्मिला जैन (भाया) को 52,841 मतों से हराया। 2014 वे फिर से 16 वीं लोकसभा लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए। उन्होंने कांग्रेस के प्रमोद भाया को 281,546 मतों से हराया। फिलहाल इस सीट से वो चौथी बार सांसद चुने गए है। इस बार भी उनकी जीत पक्की मानी जा रही है।
झालावाड़ लोकसभा सीट का पूरा समीकरण:
बारां और झालावाड़ सामान्य श्रेणी की संसदीय सीट है। इस लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 335,530 यानी 17.7 फीसदी है। वहीं अनुसूचित जनजाति के वोटर लगभग 327,947 यानी 17.3 फीसदी हैं। इसी प्रकार मुस्लिम वोटर भी लगभग 165,908 यानी 8.8 फीसदी हैं. यहां ग्रामीण मतदाताओं की आबादी लगभग 1,546,848 यानी 81.6 फीसदी और शहरी वोटर लगभग 348,799 यानी 18.4 फीसदी हैं। साल 2019 के संसदीय चुनाव के वक्त यहां 71.9 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
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पिछले लोकसभा चुनाव का परिणाम:
झालावाड़-बारां लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। 2019 के आम चुनावों में, यहाँ रोचक चुनावी मुकाबला देखने को मिला था। भाजपा के प्रत्याशी दुष्यंत सिंह ने पिछले चुनाव में 4,53,928 मतों के अंतर से जीत दर्ज़ किया। उन्हें 8,87,400 वोट मिले। दुष्यंत सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद शर्मा को हराया जिन्हें 4,33,472 वोट मिले। अब इस बार भी भाजपा ने इस सीट से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे को प्रत्याशी बनाया है।
कांग्रेस के लिए जीत बेहद मुश्किल:
झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर भाजपा ने पिछले कई चुनावों में भारी मतों से जीत दर्ज की। इस सीट के अंतर्गत 8 विधासभा सीटों पर पूर्व सीएम राजे का काफी दबदबा माना जाता है। यहीं कारण है कि उनके बेटे के सामने अब तक कोई मजबूत प्रत्याशी दिखाई नहीं दे रहा है। परिसीमन के दौरान झालावाड़ जिले की चार और बारां जिले की चार विधानसभा सीटों को मिलाकर इस लोकसभा क्षेत्र का गठन किया गया। इस बार भी कांग्रेस के लिए इस सीट से चुनाव जीतना काफी मुश्किल दिखाई दे रहा है।
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