Jhalawar Lok Sabha Seat: झालावाड़, राजस्थान। लोकसभा चुनाव के बिगुल बजते ही पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना शुरू कर दी। राजस्थान में भाजपा ने झालावाड़ – बारां लोकसभा सीट से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा। मंगल वार दोपहर को दुष्यंत सिंह ने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। नामांकन की चर्चा से बड़ी चर्चा इस बात की है कि नामांकन के समय दुष्यंत सिंह की माँ यानि वसुंधरा राजे नदारद दिखीं।
पहले मंदिर में पूजा
झालावाड़ – बारां संसदीय क्षेत्र से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र और भाजपा प्रत्याशी दुष्यंत सिंह ने मंगलवार को दोपहर 12:30 बजे अपना नामांकन दाखिल किया। दुष्यंत सिंह मंगलवार को पहले राड़ी का बालाजी मंदिर पहुंचे, जिसका स्थानीय लोगों में बहुत महत्व और श्रद्धा है, मंदिर में उन्होंने विशेष पूजा अर्चना की। राड़ी का बालाजी मंदिर के बाद वहाँ से निकाल कर मंशापूर्ण बालाजी मंदिर पहुंचे। वहाँ पर भी दुष्यंत सिंह ने पूजा अर्चना की।
भाजपा नेता के घर जाकर भरा फॉर्म
दोनों मंदिरों में पुजा अर्चना करने के बाद दुष्यंत सिंह भाजपा नेता श्याम सुंदर शर्मा के निवास स्थान पर गए। जहां जाकर अपना फॉर्म भरा। इसके बाद तय मुहूर्त के अनुसार दुष्यंत सिंह ने फार्म पर हस्ताक्षर किए। उसके बाद दुष्यंत सिंह झालावाड़ के मिनी सचिवालय स्थित जिला कलेक्टर कक्षा के समीप बनाए गए नामांकन कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौर के समक्ष विधिपूर्वक नामांकन दाखिल किया।
भाजपा के झालावाड़ – बारां लोकसभा सीट से उम्मीदवार दुष्यंत सिंह ने नामांकन दाखिल किया, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे हैं दुष्यंत सिंह…
बेटे के नामांकन दाखिल करते समय वसुंधरा राजे नहीं थी साथ…#LokSabhaElections2024 #dushyantsingh #BJP #PoliticsNews… pic.twitter.com/KEmURMS5MJ
— Hind First (@Hindfirstnews) April 2, 2024
नामांकन में वसुंधरा रहीं नदारद
नामांकन के पूरे कार्यक्रम में उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम सुंदर शर्मा, मानसिंह चौहान, संगठन मंत्री छगन माहुर एवं हर्षवर्धन शर्मा मौजूद रहे। परंतु राजनीति के गलियारों में इस बात की चर्चा बढ़ गयी है कि वसुंधरा राजे सिंधिया, दुष्यंत सिंह के साथ नामांकन भरने नहीं पहुंची। ऐसा भी कहा जा रहा है कि वसुंधरा राजे सिंधिया झालावाड़ में ही मौजूद थी। ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व में एक कार्यक्रम के दौरान राजे ने कहा था कि अब दुष्यंत पूरी तरह से परिपक्व हो गए हैं, शायद इसी को मद्देनजर रखते हुए राजे ने दुष्यंत सिंह के साथ नामांकन भरने जाना मुनासिब नहीं समझा और वह अकेले ही अपने समर्थकों के साथ नामांकन भरने पहुंचे।
दुष्यंत सिंह का राजनीतिक करियर:
दुष्यंत सिंह का जन्म मुंबई में हुआ था। दुष्यंत सिंह राजस्थान के युवा राजनेताओं में से एक हैं। 2004 में दुष्यंत सिंह को झालावाड़ निर्वाचन क्षेत्र से 14 वीं लोकसभा के लिए चुना गया था। उन्होंने कांग्रेस के संजय गुर्जर को 81,579 मतों से हराया था। 2009 में एक बार फिर दुष्यंत 15 वीं लोकसभा के सदस्य बने यह इनका दूसरा कार्यकाल था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की उर्मिला जैन (भाया) को 52,841 मतों से हराया। 2014 वे फिर से 16 वीं लोकसभा लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए। उन्होंने कांग्रेस के प्रमोद भाया को 281,546 मतों से हराया। फिलहाल इस सीट से वो चौथी बार सांसद चुने गए है। इस बार भी उनकी जीत पक्की मानी जा रही है।
झालावाड़ लोकसभा सीट का पूरा समीकरण
बारां और झालावाड़ सामान्य श्रेणी की संसदीय सीट है। इस लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 335,530 यानी 17.7 फीसदी है। वहीं अनुसूचित जनजाति के वोटर लगभग 327,947 यानी 17.3 फीसदी हैं। इसी प्रकार मुस्लिम वोटर भी लगभग 165,908 यानी 8.8 फीसदी हैं. यहां ग्रामीण मतदाताओं की आबादी लगभग 1,546,848 यानी 81.6 फीसदी और शहरी वोटर लगभग 348,799 यानी 18.4 फीसदी हैं। साल 2019 के संसदीय चुनाव के वक्त यहां 71.9 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
कांग्रेस के लिए जीत बेहद मुश्किल
झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर भाजपा ने पिछले कई चुनावों में भारी मतों से जीत दर्ज की। इस सीट के अंतर्गत 8 विधासभा सीटों पर पूर्व सीएम राजे का काफी दबदबा माना जाता है। यहीं कारण है कि उनके बेटे के सामने अब तक कोई मजबूत प्रत्याशी दिखाई नहीं दे रहा है। परिसीमन के दौरान झालावाड़ जिले की चार और बारां जिले की चार विधानसभा सीटों को मिलाकर इस लोकसभा क्षेत्र का गठन किया गया। इस बार भी कांग्रेस के लिए इस सीट से चुनाव जीतना काफी मुश्किल दिखाई दे रहा है।