Jhansi Hospital Fire: 10 Infants Die, Hospital Administration Busy in Painting for Deputy CM's Visit

Jhansi medical college: आग से 10 नवजातों की मौत, अस्पताल प्रशासन डिप्टी सीएम के स्वागत के लिए रंगाई-पुताई में व्यस्त!

jhansi medical college:  उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब शिशु वॉर्ड में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। यह हादसा इतना भीषण था कि शिशुओं को बचाने के लिए डॉक्टरों को संभलने का मौका भी नहीं मिला। हालांकि, इस घटनाक्रम के बीच एक और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जो अस्पताल प्रशासन के संवेदनहीन रवैये को उजागर करता है। जब एक ओर अस्पताल में शोक और गुस्सा था, वहीं दूसरी ओर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के झांसी दौरे से पहले अस्पताल परिसर में रंगाई-पुताई का काम शुरू कर दिया गया। यह घटना अब राजनीति का मुद्दा बन गई है, और कांग्रेस ने यूपी सरकार पर कड़ा हमला किया है।

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आग लगने के कारण 10 नवजातों की मौत

शुक्रवार को झांसी मेडिकल कॉलेज के शिशु वॉर्ड में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। अधिकारियों के मुताबिक, ऑक्सीजन पाइप में लगी आग इतनी तेजी से फैल गई कि डॉक्टरों को हालात संभालने का मौका ही नहीं मिला। आग इतनी भीषण थी कि बच्चों के माता-पिता और अस्पताल के स्टाफ की मदद के बावजूद समय पर किसी भी बच्चे को बचाया नहीं जा सका। इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सवाल उठ रहा है कि अस्पताल में फायर अलार्म क्यों नहीं बजा? क्या आग बुझाने के उपकरण सही थे और क्या वे काम कर रहे थे? क्या अस्पताल में मौजूद न्यूबॉर्न केयर यूनिट की गाइडलाइंस का पालन हो रहा था? इन सवालों के जवाब की मांग की जा रही है, और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लग रहा है।

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डिप्टी सीएम के स्वागत के लिए रंगाई-पुताई

इस बीच, जब हादसे के बाद अस्पताल में लोगों का गुस्सा और दुख बढ़ता जा रहा था, एक और चौंकाने वाली बात सामने आई। यह बात सामने आई कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक झांसी अस्पताल दौरे पर आने वाले हैं। जैसे ही यह खबर फैली, अस्पताल परिसर और आसपास के इलाके में सफाई और रंगाई-पुताई का काम शुरू कर दिया गया।

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आरोप यह है कि अस्पताल की गंदगी तभी साफ की गई, जब डिप्टी सीएम का दौरा तय हुआ। अस्पताल प्रशासन के इस संवेदनहीन रवैये ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया और सोशल मीडिया पर भी इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि जब एक ओर नवजातों की मौत हो रही थी, तो दूसरी ओर प्रशासन की प्राथमिकता सफाई और सजावट को बनाया गया।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की सफाई

इस घटना के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने खुद इस मामले में सफाई दी। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि रंगाई-पुताई का यह काम गलत है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने झांसी के जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि उन कर्मचारियों की पहचान करें जिन्होंने इस तरह के काम कराए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। पाठक ने यह भी कहा कि वह हादसे की गंभीरता को समझते हैं और आधी रात को ही झांसी के लिए रवाना हुए थे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की गतिविधियों का समर्थन नहीं किया जा सकता।

Fire Accident in Jhansi Medical College

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही

झांसी मेडिकल कॉलेज में इस आग की घटना ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल उठ रहा है कि अस्पताल में सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं किया गया? क्या यहां सभी सुरक्षा उपकरण सही थे? क्या फायर अलार्म सिस्टम काम कर रहा था? इसके अलावा, कई लोगों ने यह भी सवाल किया है कि अस्पताल में पर्याप्त प्रशिक्षित स्टाफ था या नहीं, और क्या अस्पताल प्रशासन ने इस घटना के बाद उचित कदम उठाए?

यह भी ध्यान देने योग्य है कि घटना के बाद झांसी मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने जल्द ही राहत कार्य शुरू करने के बजाय, अस्पताल में सफाई और सजावट को प्राथमिकता दी, जो कि लोगों के गुस्से का कारण बना। यह प्रशासन की संवेदनहीनता का प्रतीक बन गया।

 

कांग्रेस ने किया सरकार पर हमला

इस पूरे घटनाक्रम के बीच, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि जब एक ओर नवजात शिशु जलकर मर रहे थे, उनके परिवारवाले रो रहे थे, तब दूसरी ओर डिप्टी सीएम के स्वागत के लिए अस्पताल में चूने का छिड़काव किया जा रहा था। कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसे सरकार की “संवेदनहीनता की पराकाष्ठा” बताया गया और कहा गया कि सरकार चेहरा चमकाने में व्यस्त है, जबकि मासूम बच्चों की जान चली गई। कांग्रेस ने इसे सरकार की नाकामी और संवेदनहीनता के रूप में पेश किया है।

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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया और घटना को लेकर प्रदेश सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब अस्पताल को असल ध्यान और मदद की जरूरत थी, सरकार का ध्यान सिर्फ अपनी छवि सुधारने पर था।

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मामले की जांच और कार्रवाई की मांग

अब इस घटना की जांच के लिए अधिकारियों ने एक टीम गठित की है, जो अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की जांच करेगी। अस्पताल में आग लगने के कारण और प्रशासन की भूमिका पर जांच जारी है। वहीं, सरकार ने यह भी कहा है कि हादसे के कारणों का पता लगाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

झांसी अस्पताल में घटित इस दर्दनाक हादसे ने न केवल अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि प्रदेश सरकार के प्रति लोगों के गुस्से को भी और बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि क्या सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाती है और क्या लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई होती है।