Jhansi Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड (Neonatal Intensive Care Unit) में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई, जबकि 17 अन्य घायल हो गए हैं। यह घटना 16 नवंबर की रात करीब 10:45 बजे हुई, जब अस्पताल के शिशु वार्ड में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी। घटना से अफरा-तफरी मच गई और अस्पताल के कर्मचारियों के साथ-साथ मरीजों और उनके परिजनों ने भागकर अपनी जान बचाई। आग लगने के बाद मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के जवानों ने 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला, जबकि 5 और बच्चों को अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया।
मुख्यमंत्री ने दी जांच के आदेश
जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है।
जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 15, 2024
इस दर्दनाक घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया और संबंधित अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घटना के कारणों का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और अगर किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने भी अस्पताल का दौरा किया और घटना की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि अस्पताल ने फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट किया था और जून में मॉक ड्रिल भी कराई गई थी, फिर भी इस हादसे के बाद अब घटना के कारणों की गहन जांच की जाएगी।
#WATCH | UP Deputy CM Brajesh Pathak says, ” The death of the newborns is very unfortunate. Along with the family members, we are trying to identify the bodies of newborns…the first probe will be done at the administrative level which will be done by health department, second… https://t.co/Ohh5fZYnIB pic.twitter.com/mmoyjZXJEY
— ANI (@ANI) November 16, 2024
घटना के बाद झांसी जिले के DM अविनाश कुमार, SSP सुधा सिंह, और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंची और आग पर काबू पाया। इसके बाद, 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अस्पताल प्रशासन ने इलाज के लिए घायल बच्चों को दूसरे अस्पतालों में भेजने की व्यवस्था की।
झांसी के SSP सुधा सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सभी घायल बच्चों को अस्पताल में आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसी भी बच्चे को अधिक नुकसान न हो। अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि कुछ माता-पिता अपने बच्चों को अस्पताल से लेकर चले गए हैं।
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज 1968 में स्थापित हुआ था और बुंदेलखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। इस अस्पताल में हर दिन बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज किया जाता है और कई प्रमुख मेडिकल सेवाएं प्रदान की जाती हैं। हाल ही में अस्पताल में फायर सेफ्टी ऑडिट और मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई थी, फिर भी इस घटना ने सुरक्षा के स्तर पर सवाल उठाए हैं।
#WATCH | Jhansi Medical College Fire tragedy | UP Deputy CM Brajesh Pathak says, ” In February, the fire safety audit was done. In June, a mock drill was also done. How this incident happened and why it happened, we can only say something about it once the probe report comes…7… pic.twitter.com/KTQe1Y5Sc3
— ANI (@ANI) November 16, 2024
तीन स्तरों पर की जाएगी जांच
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस घटना(Jhansi Hospital Fire) की जांच के लिए तीन स्तरों पर जांच की जाएगी—पहला स्वास्थ्य विभाग की ओर से, दूसरा पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा, और तीसरा मजिस्ट्रेट स्तर पर जांच होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया और कहा कि यह हादसा अत्यंत दुखद है। उन्होंने ट्वीट किया, “यह हादसा मन को व्यथित करने वाला है। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है।”
हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। राज्य सरकार की…
— PMO India (@PMOIndia) November 16, 2024
CM योगी का कड़ी कार्रवाई का वादा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट करते हुए घटना को दुःखद बताया और सभी अधिकारियों को राहत कार्यों में तत्परता से जुटने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस घटना की गंभीरता से जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
झांसी के SSP सुधा सिंह ने जानकारी दी कि इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर यह आग कैसे लगी और इसके लिए जिम्मेदार कौन है। इसके अलावा, अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही या अन्य कोई कारण होने पर भी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, झांसी के DM अविनाश कुमार ने बताया कि घटना के बाद राहत कार्यों को युद्ध स्तर पर चलाया गया और सभी घायल बच्चों को सुरक्षित अस्पतालों में भेजा गया। अब पुलिस की जांच यह सुनिश्चित करेगी कि आग के कारणों का सही तरीके से पता चल सके।
इस घटना ने अस्पतालों में सुरक्षा मानकों और फायर सेफ्टी प्रोटोकॉल की अहमियत को एक बार फिर से उजागर किया है। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अस्पतालों में सुरक्षा मानकों को और सख्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उनके आदेश के बाद तीन स्तरों पर जांच चल रही है और सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।