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jhansi medical college: मां की कराह – ‘मेरा बच्चा, बस एक बार उसका चेहरा देख लूं…’, हादसे की आंखों देखी कहानी दिल को झकझोर देने वाली

jhansi medical college: मेरा बच्चा कहां है……? कहां है मेरा बच्चा…. कोई एक बार दिखा दो बस…. इतना कहते हुए एक दंपत्ति तेज-तेज रोते हुए जमीन पर बैठ जाता है। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बाहर खड़ी भीड़ उसे सहारा देने की कोशिश करते हैं। ये कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं है, ना जाने वहां पर कितने ऐसे माता-पिता, भाई-बहन,नाना-नानी,दादा-दादी मौजूद हैं, जो अपने घर के चिराग को खोज रहे हैं। लेकिन किसे पता था कि जिस अस्पताल में वो अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए आए हैं, वहीं पर उनका लाल हमेशा के लिए सो जाएगा।

झांसी अग्निकांड

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बने एनआईसीयू में शुक्रवार रात लगी भीषण आग ने कई परिवारों को कभी नहीं भूलने वाला दर्द दिया है। इस हादसे में 10 परिवारों के नवजातों की जलने से मौत हो गई है, जबकि 39 नवजात को हादसे में सुरक्षित निकाल लिया गया है।

कैसे लगी आग

जानकारी के मुताबिक प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग होने के चलते लगी थी। वहीं इस हादसे की जानकारी लगते ही तड़के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घटना की जानकारी ली है। वहीं उत्तर-प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृत नवजात के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। वहीं उन्होंने तीन कमेटियां गठित करके उनसे पूरे प्रकरण की जांच कराने की बात भी कही है।

आंखों देखी दास्तान

झांसी के लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में जिन लोगों ने इस घटना को देखा था, उन्होंने ऐसी दास्तान बताई है, जिसको सुनकर आप खुद को रोने से रोक नहीं सकते हैं। एक व्यक्ति ने मीडिया से बातचीत में बताया कि एक प्रसूता, जिसने अभी हाल ही में बच्चे को जन्म दिया था। उसकी खुद की शारीरिक स्थिति अभी ठीक नहीं है। वो बहुत कमजोरी की अवस्था में ही बोल पड़ती है, ‘हाय मेरा बच्चा, एकबार चेहरा ही दिखा दो…’ इतना कहकर वह जमीन पर बैठ जाती है, उसका पति उसे संभालता है।

8 दिन पहले पैदा हुआ है बच्चा

वहीं अन्य बच्चे की बड़ी मां रोते हुए बताती है कि ‘मैं बच्चे की बड़ी मां हूंष हमारा बच्चा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अभी 8 दिन पहले ही पैदा हुआ था। उसकी मां अभी भी भर्ती है।.

वार्ड 70 में थे 70 बच्चे

इसके अलावा एक अन्य पीड़ित ने बताया कि ‘वार्ड में 70 बच्चे थे। उन्होंने कहा कि जब आग लगी तब हम वहीं थे। उन्होंने कहा कि जाली तोड़कर बच्चे निकाले गए हैं, उन्होंने कहा कि हमारा बच्चा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जिनके भी बच्चे यहां भर्ती थे, सभी के साथ पहली समस्या ये है कि उनके बच्चे हैं कहां।

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