जब दुनिया के कई देश युद्ध और नरसंहार की वजह से त्राहिमाम कर रहे हैं, चीन एक ऐसे प्लान पर काम कर रहा है जिससे उसके नागरिकों की औसत उम्र में डेढ़ साल की बढ़ोतरी हो सके। चीन की जिनपिंग सरकार ने 2025 तक इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने का लक्ष्य रखा है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो चीन इस मकसद में कामयाब हो सकता है। आइए जानते हैं कि यह प्लान क्या है और चीन इसे कैसे पूरा करेगा।
प्रदूषण की मार से परेशान चीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, चीन लंबे समय से खतरनाक स्तर के प्रदूषण से जूझ रहा है। हर साल वहां करीब 20 लाख लोगों की मौत सिर्फ वायु प्रदूषण और उससे जुड़ी बीमारियों की वजह से होती है। चीन के कई शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में गिने जाते हैं। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए जिनपिंग सरकार ने 2025 तक प्रदूषण नियंत्रण का एक मास्टर प्लान तैयार किया है। अगर यह योजना सफल होती है, तो चीन में लोगों की औसत उम्र में बढ़ोतरी हो सकती है।
कैसे बढ़ेगी औसत उम्र?
चीन की नेशनल हेल्थ एजेंसी (NFHS) ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि पीएम 2.5 (Particulate Matter 2.5) अगर 85% तक कम कर दिया जाए, तो चीनी नागरिकों की औसत उम्र करीब 500 दिन (यानि 1.5 साल) तक बढ़ सकती है। चीन के पर्यावरण मंत्री के मुताबिक, सरकार हर साल पीएम 2.5 के स्तर में 2.7% की गिरावट ला रही है। इस साल इसे रिकॉर्ड स्तर तक कम करने की योजना है। अगर चीन अपने इस लक्ष्य को पूरा कर लेता है, तो वहां के नागरिकों की जीवन प्रत्याशा में जबरदस्त इजाफा हो सकता है।
क्या है जिनपिंग सरकार का मास्टर प्लान?
सख्त औद्योगिक नीतियां: चीन अपने कारखानों और इंडस्ट्रियल सेक्टर में प्रदूषण फैलाने वाले उपकरणों को बंद कर रहा है।
ग्रीन एनर्जी पर जोर: कोयले और डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए सौर और पवन ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ावा: पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल अनिवार्य किया जा रहा है।
पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाना: जंगलों और ग्रीन बेल्ट को बढ़ाकर वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है।
नए कानून: प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों और फैक्ट्रियों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है।
क्या चीन अपने मकसद में कामयाब होगा?
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन का यह प्लान दुनिया के अन्य देशों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है। अगर यह रणनीति सफल रहती है, तो चीन के नागरिकों को स्वच्छ हवा मिलेगी, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा और उनकी औसत उम्र में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, कई आलोचकों का कहना है कि चीन में उद्योगों की संख्या बहुत ज्यादा है और इतने बड़े स्तर पर बदलाव लाना आसान नहीं होगा। लेकिन चीन की सरकार अपने मिशन को लेकर बेहद गंभीर नजर आ रही है।
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