उमर खालिद

JNU छात्रनेता उमर खालिद को मिली अंतरिम जमानत, जानें किस जेल में और क्यों बंद हैं खालिद

दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को कड़कड़डूमा कोर्ट ने सात दिन की अंतरिम जमानत दी है। दरअसल उमर खालिद के वकील ने अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी। जिसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक मौसेरी बहन की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत दी है।

किन शर्तों पर मिली उमर को जमानत?

बता दें कि कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को दो शर्तों पर अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने इस दौरान उमर खालिद से कहा कि वो सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिल सकेंगे। वहीं दूसरी शर्त के मुताबिक वह अपने घर या उन जगहों पर ही रहेंगे, जहां शादी हो रही है। इसके अलावा कहीं और जाने पर मनाही है।

कब हुई थी गिरफ्तारी?

बता दें कि उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था। उमर के ऊपर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी सभा के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कई अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद 2020 से ही वह जेल में बंद है। बता दें कि यह उमर खालिद की जमानत याचिका का दूसरा दौर है, इससे पहले निचली अदालत ने पहली बार मार्च 2022 में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उमर खालिद ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में राहत देने से इनकार कर दिया था।

जानें कौन हैं जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद

लगभग तीन दशक पहले उमर खालिद का परिवार महाराष्ट्र के अमरावती के तालेगांव से दिल्ली आकर बस गया था। उमर परिवार के साथ दिल्ली के जाकिरनगर में रहते हैं। हालांकि किसी ने उन्हें यहां शायद ही कभी देखा होगा। ऐसा बताया जाता है उनके पिता सैयद कासिम रसूल इलियास दिल्ली में ही ऊर्दू की मैगजिन ‘अफकार-ए-मिल्ली’ चलाते हैं। खालिद जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंस से इतिहास में पीएचडी कर रहे हैं। यहीं से वह इतिहास में एमए और एमफिल कर चुके हैं।

उमर खालिद पर क्या है आरोप?

जेएनयू के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों में साजिश के सिलसिले का आरोपी बनाया है। बता दें कि उमर खालिद को अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) तहत गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, दंगा, भीड़ जमा करना, राजद्रोह, आपराधिक साजिश समेत अन्य कई धाराओं में पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया है।