जुबिलेंट भरतिया ग्रुप, जो पिज्जा चेन से लेकर दवाओं तक के कारोबार में सक्रिय है, कोका-कोला की भारतीय यूनिट में 40% हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रहा है। इसके लिए, वह बॉंड्स के जरिए 5,500 करोड़ रुपये जुटाने का सोच रहा है। बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक, ग्रुप डिबेंचर जारी करने की संभावना पर विचार कर रहा है। इस 40% हिस्सेदारी को खरीदने के लिए जुबिलेंट भरतिया ग्रुप को करीब 12,550 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।
तो ये प्लान कर रही है कंपनी
बिजनेस स्टैण्डर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, जुबिलैंट ग्रुप अपने वित्त पोषण के लिए निजी पूंजी निवेशकों को शामिल कर सकता है। इसके तहत, जुबिलैंट ग्रुप की दो कंपनियां डिबेंचर जारी करके पैसा जुटा सकती हैं। इनमें से एक कंपनी जुबिलैंट बेवरिजेज लिमिटेड (जेबीएल) होगी। 11 दिसंबर 2024 को, ग्रुप ने जेबीएल के माध्यम से हिंदुस्तान कोका कोला होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (एचसीसीएच) में 40 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए कोका कोला कंपनी (टीसीसीसी) से समझौता किया था। इस सौदे को नियामकीय मंजूरी मिलनी बाकी है। एचसीसीबी गैर-मादक तैयार-पीने वाली ड्रिंक्स (एनएआरटीडी) के निर्माण, पैकेजिंग, वितरण और बिक्री से जुड़ी हुई है।
जेबीएल के डिबेंचर को मिली ‘एए’ रेटिंग
समूह के पास अपने अधिग्रहण संबंधी ऋण को चुकाने के कई विकल्प हैं, जिनमें एचसीसीएच और अन्य सूचीबद्ध कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचना या पुनर्वित्त करना शामिल है। जेबीएल के डिबेंचर को क्रिसिल (CRISIL) ने ‘एए’ रेटिंग दी है। जेबीएल यह राशि एचसीसीएच (HCCH) में अपनी हिस्सेदारी और जुबिलैंट भरतिया समूह की अन्य कंपनियों के शेयरों के जरिए जुटाएगा। इन कंपनियों में जुबिलैंट फूडवर्क्स लिमिटेड (JFL), जुबिलैंट फार्मोवा लिमिटेड (JPL) और जुबिलैंट इंडस्ट्रीज प्रमुख हैं।
कोका-कोला कंसॉलिडेटेड ने 2024 की तीसरी तिमाही के परिणाम 30 अक्टूबर, 2024 को घोषित किए थे। इन परिणामों के मुताबिक, कंपनी की शुद्ध बिक्री में 3% की वृद्धि हुई, और उसका सकल लाभ 5.5% बढ़ा।