आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के सरकारी बंगले के आवंटन से जुड़े मामले में अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका के मामले में हाई कोर्ट की जस्टिस रेखा पल्ली ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। जिसके बाद सुनवाई 18 दिसंबर को किसी अन्य जज के सामने होगी।
क्या है मामला
बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने दूसरे आवास में ट्रांसफर करने के आधिकारिक निर्णय को चुनौती दी थी। वहीं बीते 16 दिसंबर को न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के सामने ये मामला सूचीबद्ध किया गया था। जिसमें उन्होंने कहा कि इस मामले को 18 दिसंबर को किसी अन्य बेंच के सामने रखा जाएगा। बता दें कि जस्टिस रेखा पल्ली ने बताया कि वह राघव चड्ढा की ओर से आयोजित समारोह में शामिल हुई थी। माना जा रहा है कि इसी कारण उन्होंने इस सुनावाई से खुद को अलग किया है।
निचली अदालत ने एप्लीकेशन किया था खारिज
जानकारी के मुताबिक बीते 28 नवंबर को निचली अदालत ने राघव चड्ढा की एप्लिकेशन को खारिज कर दिया था। इस एप्लीकेशन में उन्होंने बताया था कि राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी एक आधिकारिक निर्णय जिसमें उन्हें टाइप-VII बंगले से उन्हें बेदखल करने से रोकने की मांग की गई थी।
सरकारी बंगले के आवंटन का मामला
सितंबर 2022 में राघव चड्ढा को टाइप-VII बंगला आवंटित किया गया था। लेकिन मार्च 2023 में चड्ढा को बताया गया कि उनकी पात्रता से अधिक होने के कारण उनका टाइप-VII बंगले का आवंटन रद्द कर दिया जाता है। जिसके बाद उन्हें एक दूसरा फ्लैट भी आवंटित किया गया था, लेकिन राज्यसभा सांसद ने सरकारी बंगले के आवंटन को रद्द करने को चुनौती देने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक सिविल मुकदमा दायर किया था।
हाई कोर्ट का खटखटाया था दरवाजा
जानकारी के मुताबिक उन्हें अदालत से अंतरिम राहत भी मिल गई थी। लेकिन राज्यसभा सचिवालय की ओर से अदालत में कहा गया था कि अंतरिम राहत देते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था, जिसके बाद इसे खारिज कर दिया गया था। वहीं राघव चड्ढा ने इसके बाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जब हाई कोर्ट ने चड्ढा को जिला अदालत की ओर से दी गई सुरक्षा को बहाल कर दिया था। हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि जिला अदालत चड्ढा की अंतरिम राहत की अर्जी पर भी सुनवाई करे।