Kakatiya Rudreshwara Temple:

Kakatiya Rudreshwara Temple: इस मंदिर के खंभों से निकलती है संगीत की आवाज,आज तक कोई नहीं जान पाया इसका रहस्य

Kakatiya Rudreshwara Temple: भारत में बहुत प्रसिद्ध मंदिर है और सभी मंदिरों की अपनी एक अलग खासियत है। जो इसे और ज्यादा आकर्षित बनाती है। लेकिन देश में कई मंदिर ऐसे भी है, जो रहस्यों से भरे है। आज तक इन रहस्यों को ना वैज्ञानिक सुलझा पाए और ना ही पुरात्तव विभाग। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारें में बताने जा रहे है जिसे इंजीनियरिंग का चमत्कार कहा जाता है। इस मंदिर का नाम काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर है, जिसे रामप्पा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह अपने उत्कृष्ट वास्तुकला और संगीत स्तंभ अर्थात् Musical Pillar की वजह से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस मंदिर के खंभों से संगीत की आवाज ऐसे आती है जैसे कि यह खम्भे नहीं एक वाद्य यंत्र हो। तो चलिए जानते है इस मंदिर से जुड़े ​कुछ रहस्यों के बारे में:—

40 साल में बनकर हुआ ​​था तैयार

तेलंगाना के मुलुगु जिले के पालमपेट गांव में स्थित रामप्पा मंदिर के निर्माण में करीबन 40 वर्षो का समय लगा था। जब यह मंदिर बनकर तैयार हुआ तो पूरी दुनिया इसे देखते ही रह गई। इस मंदिर का निर्माण आज से 600 वर्ष पूर्व 1213 ईस्वी में किया गया था। इस मंदिर का नाम मूर्तिकार रामप्पा के नाम रखा गया है क्योंकि वह इस मंदिर के मुख्य वास्तुकार और प्रसिद्ध मूर्तिकार थे। इस मंदिर के निर्माण में ग्रेनाइट,बलुआ पत्थर, डोलराइट और चूने का इस्तेमाल किया गया है।

Kakatiya Rudreshwara Temple:

खम्भों से आती है संगीत की धुन

यह मंदिर पूरी दुनिया में अपने खम्भों के लिए भी प्रसिद्ध है। इन खंभों से सात बेसिक म्यूजिकल नोट्स निकलते हैं। जिसे आसानी से सुना जा सकता है। वहीं इस मंदिर में मौजूद करीबन 161 खंभे संगीत की ध्वनि उत्पन्न करते है। यह संगीत की आवाज कैसे आती है वैज्ञानिक भी आज तक इस रहस्य को नहीं सुलझा पाए है। यहां के उत्कृष्ट वास्तुकला का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते है कि 48 खंभों के एक समूह को एक ही पत्थर से तराशा गया है और यह 48 खंभे एक मुख्य खम्भे को घेरते है। इतना ही नहीं अगर आप इन में से किसी भी एक खंभे पर टैप करेंगे तो आस पास के खंभों में भी कंपन महसूस होता है।

क्या था वैज्ञानिकों के शोध का परिणाम

इस मंदिर में खंभों से आने वाली संगीत की धुनों को पता करने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा कई शोध किए जा चुके है। जिसमें यह बात सामने आई इस मंदिर के खंभे को श्रुति स्तंभ, गण थोंगल और लया थोंगल तीन श्रेणियों में बांटे है। जहां श्रुति मूल नोट्स हैं तो वहीं लया स्तंभ ताल का उत्पादन करते है। ऐसे में जब श्रुति स्तंभ पर टैप किया जाता है तो लया स्तंभ से भी आवाज आने लगती है। क्योंकि इन खम्भों का कॉम्बिनेशन ही इसी प्रकार से बनाया गया है।

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