राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Kalashtami February 2024 Upay: कल, शुक्रवार यानी 2 फरवरी को कालाष्टमी का व्रत (Kalashtami February 2024 Upay) रखा जाएगा। हर माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन शास्त्रों में भगवान शिव के ही दूसरे रूप यानी काल भैरव की पूजा करने का विधान है। दरअसल भैरव के तीन रूप है जिसमें काल भैरव, बटुक भैरव और रूरू भैरव शामिल है। वहीं कालाष्टमी के दिन काल भैरव की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है।
माना जाता है कि इस दिन भैरव बाबा की उपासना करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है और व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है। आज हम आपको कालाष्टमी से जुड़े कुछ खास उपायों के बारे में बताने जा रहे है जिसे करने से आप अपने जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर सकते है तो आइए जानते है क्या है वो उपाय:—
कालाष्टमी के लिए खास उपाय (Kalashtami February 2024 Upay) :-
1. अगर आप अपने जीवन में खुशहाली ओर सुखसाधनों में बढ़ोतरी चाहते है तो कालाष्टमी के दिन (Kalashtami February 2024 Upay) बाबा भैरव के आगे मिट्टी से बने दीप में सरसों के तेल का दीपक जलाए और दीप जलाते समय दो बार ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’। मंत्र का उच्चारण करे।
2. अगर आप जीवन में कई तरह की समस्याओं से घिरे हुए है और इन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते है तो कालाष्टमी के दिन सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी काले कुत्ते को खिलाए और कुत्ते को रोटी खिलाते समय 5 बार काल भैरव के मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती है।
3. अगर आप अपने व्यापार को लेकर चितिंत है और कारोबार में किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिल रहा है जिसकी वजह से आपके काम पूरे नहीं हो रहे है तो कालाष्टमी के दिन रोटी में चीनी मिलाए और उसका चूरमा बना ले। इस चूरमा को सर्वप्रथम बाबा भैरव को भोग लगाए और साथ ही काल भैरव के मंत्र का जाप करे। इसके बाद इस भोग के प्रसाद को स्वयं ग्रहण करे और थोड़ा अपने परिवार के सदस्यों में बांट दे। ऐसा करने से व्यापार में आ रही परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
4. अगर आप किसी ऐसी दुविधा में फंसे है जिससे आप चाह कर भी बाहर नहीं निकल पा रहे है तो ऐसे में आप कालाष्टमी के दिन शमी के पेड़ पर जल अर्पित करे और साथ ही मंदिर में सूत का धागा चढ़ाए। ऐसा करते समय बाबा भैरव का स्मरण करे और उनके मंत्रों का जाप करे।
5. अगर आपको लगता है कि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का ज्यादा संचार हो रहा है जिसकी वजह से परिवार में कलह होने लगे और बनते काम बिगड़ रहे है तो ऐसे में आप कालाष्टमी के दिन मौली ले और उस धागे में सात गांठे लगाकर अपने घर के मुख्य दरवाजे पर बांध दे। इस बात का खास ध्यान रखें कि मौली में गांठ लगाते समय एक—एक गांठ पर बाबा भैरव के मंत्र ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’। का उच्चारण करती रहे।
6. अगर आप अपने जीवन में स्थिरता पाना चाहते है तो कालाष्टमी के दिन प्रात: स्नान करने के बाद बाबा भैरव की पूजा करे और पूजा के दौरान उन्हें काला तिल अर्पित करे। इसके अलावा पूजा के दौरान शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।
कालाष्टमी शुभ मुहूर्त (Kalashtami Shubh Muhurat) :-
पंचांग के अनुसार माघ कृष्ण पक्ष की तिथि 2 फरवरी के दिन शाम को 04 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। उसके बाद अष्टमी तिथि का प्रारंभ हो जाएगा जो अगले दिन यानी 03 फरवरी की शाम 05 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगा। कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। वहीं निशिता काल पूजा मुहूर्त देर रात 12 बजकर 8 मिनट से लेकर रात में 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। आप इन शुभ मुहूर्त में काल भैरव की पूजा कर सकते है।
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