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कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी को बताया कमजोर, कहा- ‘जितना कमजोर इंसान, उतना ही ज्यादा कंट्रोल चाहता है’

कंगना रनौत, बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस और सांसद, इन दिनों एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उनका बयान इंदिरा गांधी के बारे में है। कंगना ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर कुछ विवादित बातें कही हैं। कंगना का कहना है कि पहले उन्हें इंदिरा गांधी बहुत ताकतवर और मजबूत नेता लगती थीं, लेकिन जब उन्होंने इस बारे में रिसर्च किया, तो उनका नजरिया पूरी तरह बदल गया। कंगना के मुताबिक, इंदिरा गांधी बहुत कमजोर थीं, और जितना कमजोर इंसान होता है, उतना ही वह दूसरों पर कंट्रोल करने की कोशिश करता है।

कंगना रनौत ने यह बातें अपनी नई फिल्म ‘इमरजेंसी‘ के बारे में बात करते हुए कहीं। फिल्म ‘इमरजेंसी’ में कंगना ने खुद इंदिरा गांधी का रोल निभाया है, और यही फिल्म उनके इन बयानों के पीछे की वजह बनी है। कंगना का कहना है कि इस फिल्म को बनाने से पहले उन्होंने इंदिरा गांधी पर काफी रिसर्च किया, और रिसर्च करने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि वह पहले इंदिरा गांधी को लेकर गलत सोचती थीं।

कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ में इंदिरा गांधी का किरदार

फिल्म ‘इमरजेंसी’ 1975 के उस समय को दिखाती है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत में आपातकाल (Emergency) लागू किया था। कंगना ने इस फिल्म का निर्देशन भी किया है और इसका निर्माण भी खुद किया है। फिल्म में कंगना ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है, जो भारतीय राजनीति के एक बड़े घटनाक्रम को दर्शाता है।

कंगना का कहना है कि फिल्म बनाने से पहले वह इंदिरा गांधी को लेकर पूरी तरह से उन्हें एक शक्तिशाली और मजबूत महिला मानती थीं। लेकिन जब उन्होंने उनके बारे में गहराई से अध्ययन किया, तो उनके विचार पूरी तरह बदल गए। कंगना ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि इंदिरा गांधी बहुत कमजोर थीं और इस कमजोरी की वजह से उन्हें हमेशा दूसरों पर ज्यादा नियंत्रण रखना पड़ा।

कंगना का तंज – “जितना कमजोर, उतना ज्यादा कंट्रोल”

कंगना ने इंदिरा गांधी के बारे में कहते हुए कहा, “आप जितने कमज़ोर होते हैं, उतना ज्यादा नियंत्रण आप चाहते होते हैं।” कंगना का कहना था कि इंदिरा गांधी का जीवन इस बात का उदाहरण था। कंगना के मुताबिक, इंदिरा गांधी अपने आप में उलझन में रहती थीं और उनके पास खुद को साबित करने की कोई स्पष्ट दिशा नहीं थी।

कंगना ने यह भी बताया कि इंदिरा गांधी का कई लोगों पर बहुत ज्यादा निर्भर रहना और उनका संजय गांधी पर गहरा भरोसा होना, यह दिखाता है कि वह खुद को कभी भी पूरी तरह से मजबूत महसूस नहीं करती थीं। इस बारे में कंगना ने कहा कि इंदिरा गांधी को हमेशा अपने निर्णयों को सही साबित करने के लिए किसी न किसी समर्थन की जरूरत थी, जो कि उनकी कमजोरी को दर्शाता है।

प्रियंका गांधी से संसद में मुलाकात

कंगना ने अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर एक दिलचस्प बात शेयर की। उन्होंने बताया कि वह संसद में प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलीं और उन्होंने इस फिल्म के बारे में बात की। कंगना ने कहा, “प्रियंका गांधी ने मेरी फिल्म के काम की सराहना की और कहा कि फिल्म बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शायद आपको इसे देखना चाहिए।” कंगना ने यह भी बताया कि प्रियंका गांधी ने उनके बालों की तारीफ की और उनके काम की सराहना की, जो कि कंगना के लिए एक बहुत अच्छा अनुभव था।

कंगना का फिल्म इंडस्ट्री के बारे में बड़ा बयान

कंगना ने अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ के प्रमोशन के दौरान फिल्म इंडस्ट्री को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि आज बॉलीवुड में कोई भी निर्देशक ऐसा नहीं है, जिसके साथ मैं काम करना चाहती हूं।” कंगना का कहना है कि वर्तमान फिल्म इंडस्ट्री के निर्देशक उनके स्तर के नहीं हैं और इसलिए वह अपनी फिल्मों का निर्देशन खुद करना पसंद करती हैं। कंगना के इस बयान से यह साफ होता है कि वह अपने काम के प्रति बहुत आत्मविश्वासी हैं और उनकी अपनी शैली है, जो उन्हें दूसरे किसी निर्देशक के साथ काम करने की जरूरत नहीं महसूस कराती।

Emergency Trailer

कंगना ने किया इंदिरा गांधी पर रिसर्च

कंगना ने यह भी कहा कि जब तक उन्होंने इंदिरा गांधी पर रिसर्च नहीं किया था, तब तक उन्हें वह बहुत शक्तिशाली नेता लगती थीं। लेकिन रिसर्च के बाद उनका नजरिया पूरी तरह बदल गया। कंगना का मानना है कि इंदिरा गांधी का जीवन एक मजबूत नेता का नहीं, बल्कि एक ऐसी महिला का था जो खुद को साबित करने के लिए हमेशा संघर्ष करती रही। कंगना का कहना था कि इंदिरा गांधी को लेकर उनका जो दृष्टिकोण था, वह पूरी तरह गलत था, और रिसर्च के बाद उन्होंने एक नई सच्चाई को जाना।

कंगना की बातें विवादित क्यों हो सकती हैं?

कंगना रनौत का यह बयान कई लोगों के लिए चौंकाने वाला हो सकता है। इंदिरा गांधी भारतीय राजनीति की एक बड़ी और महत्वपूर्ण शख्सियत थीं, जिनकी नीतियों और फैसलों ने देश के भविष्य को प्रभावित किया। ऐसे में कंगना का यह कहना कि वह कमजोर थीं, एक बड़ा विवाद पैदा कर सकता है। हालांकि, कंगना ने यह बातें अपनी रिसर्च और फिल्म के अनुभव के आधार पर कही हैं। फिर भी यह सवाल उठता है कि क्या कंगना का यह दृष्टिकोण सही है या नहीं?

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