नेपाली PM को KIIT सुसाइड केस में क्यों देनी पड़ी दखल

KIIT सुसाइड केस: क्या है पूरा मामला और क्यों नेपाल के PM को देनी पड़ी दखल?

KIIT सुसाइड केस: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में नेपाली छात्रा प्रकृति लम्साल की आत्महत्या के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नेपाल से आए छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना के बाद उनके साथ भेदभाव करते हुए जबरन हॉस्टल खाली करवाया है। बता दें कि अब इस मामले पर नेपाल के PM केपी शर्मा ओली ने भी चिंता जताते हुए नेपाल दूतावास से दो अधिकारियों को छात्रों की काउंसलिंग के लिए भेज दिया है।

क्या है KIIT सुसाइड केस?

नेपाली छात्रा प्रकृति लम्साल KIIT विश्वविद्यालय में बीटेक की छात्रा थीं और वह थर्ड ईयर में पढ़ रही थीं। 14 फरवरी को उन्हें उनके हॉस्टल रूम में मृत पाया गया। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन उनके परिवार ने इसे हत्या करार देते हुए एक छात्र पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया। प्रकृति के चचेरे भाई सिद्धांत सिग्दल ने भी आरोप लगाया कि अद्विक श्रीवास्तव नामक छात्र उसे ब्लैकमेल कर रहा था, जिससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली। इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने अद्विक श्रीवास्तव को हिरासत में लिया। उसे 16 फरवरी को बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया, जब वह शहर छोड़कर भागने की कोशिश कर रहा था।

छात्रों के प्रदर्शन के बीच नेपाली छात्रों का निष्कासन

प्रकृति की मौत के बाद KIIT में नेपाली छात्रों ने प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। इसी बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कैंपस में नेपाली छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी और उन्हें हॉस्टल छोड़ने के लिए कह दिया। वहीं नेपाली छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें अचानक से सामान पैक करने और हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया गया। न तो उन्हें यात्रा की व्यवस्था दी गई और न ही खाने की कोई सुविधा मिली। कई छात्रों के पास ट्रेन का टिकट तक नहीं था और उनकी परीक्षाएं भी नजदीक थीं।

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मामले पर यूनिवर्सिटी प्रशासन का बयान

KIIT यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन आरोपों से इनकार किया है। रजिस्ट्रार प्रोफेसर ज्ञान रंजन मोहंती ने कहा कि प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत की थी और वे स्वेच्छा से चले गए। उन्होंने यह भी कहा कि जब हालात सामान्य होंगे, तब नेपाली छात्र कैंपस लौट सकते हैं और अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि नेपाली छात्रों को जबरन बसों में बिठाकर कटक रेलवे स्टेशन छोड़ दिया गया, जो KIIT से करीब 30 किलोमीटर दूर है।

नेपाली छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लगाए आरोप

बता दें कि कुछ नेपाली छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी ने उनके खिलाफ नस्लीय टिप्पणियां करते हुए उनकी राष्ट्रीयता पर सवाल उठाए। वहीं एक वायरल वीडियो में कथित तौर पर कुछ स्टाफ सदस्यों को यह कहते सुना गया कि, “तुम्हारा बजट भी हमारी सरकार की मदद से बनता है।” हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है।