इस साल फरवरी से शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान एक बार फिर से दिल्ली कूच कर रहे हैं। इस आंदोलन (Kisan Andolan) को उन्होंने ‘दिल्ली चलों’ (farmers march to delhi) नाम दिया है। वहीं इस बार उनकी रणनीति कुछ अलग है। वे ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना पैदल ही दिल्ली जाने के लिए चल पड़े हैं। शुक्रवार दोपहर एक बजे किसान संगठन के लगभग 100 सदस्य शंभू बॉर्डर (shambhu border) से आगे बढ़ रहे हैं। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा के अंबाला शंभ बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए पूरा इंतजाम किया हुआ है।
किसानों के दिल्ली कूच (kisan delhi chalo) के बाद एक बार फिर से ये चर्चा शुरु हो चुकी है कि इस बार उनकी क्या मांग है? जिसके लिए उन्हें फिर से आंदोलन करना पड़ा। आइए जानते हैं किसानों की 12 प्रमुख मांगे क्या हैं, जिसके लिए वे फिर से आंदोलन कर रहे हैं
1. किसानों की पहली मांग है कि सरकार सभी फसलों की खरीद पर एमएसपी गारंटी अधिनियम बनाए। इसके अलावा डॉ. स्वामीनाथन आयोग ने किसानों को लेकर जो निर्देश दिया था, जिसमें सभी फसलों की कीमतें C2+50% फार्मूले के मुताबिक तय की जाएं।
2. किसानों और मजदूरों ने पहले जो भी ऋर्ण लिया है उसे माफ किया जाए।
3. गन्ने की एफआरपी और एसएपी स्वामीनाथन आयोग ने की सिफारीस के मुताबिक दी जाए।
4. प्रत्येक साल मनरेगा में 200 दिनों की रोजगार दी जाए और मजदूरों के प्रतिदिन दिहाड़ी को बढ़ाकर 700 रुपए कर दिया जाए।
5. मजदूरों के लिए कम से कम 26 हजार रुपए हर महीने की मजदूरी की मांग।
6. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए। इसके लिए सरकार खुद ही बीमा प्रीमियम का भुगतान करे। इस योजना को सभी फसलों पर लागू किया जाए।
7. कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन किया जाए, जिससे सभी फसलों की गुणवक्ता में सुधार हो।
8. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू किया जाए और केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार की दिए जाने वाले निर्दशों को रद्द किया जाए।
9. 58 साल के उम्र से ज्यादा के किसान और कृषी मजदूरों को प्रति माह 10 हजार रुपए पेंशन दी जाए।
10. पिछले दिल्ली आंदोलन की जो मांगे पूरी नहीं हुईं हैं उन्हें पूरा किया जाए जैसे-
– आंदोलन में घायल किसानों को 10 लाख रुपए तक का मुआवजा अभी तक नहीं मिला उसे तुरंत दिया जाए।
– आंदोलन के दौरान जान गवांने वाले किसानों और मजदूरों के परिवार को मुआवजा दिया जाए। उनके परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए। -किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों की स्मारक बनाने के लिए जगह दी जाए।
-लखीमपुर खीरी हत्या मामले में सभी आरोपियों के खिलाफा कार्रवाई की जाए।
-बिजली संशोधन विधेयक पर किसान आंदोलन के दौरान जो सहमति बनी थी उसे उपभोक्ता को विश्वास में लिए बिना लागू नहीं किया जाए।
-कृषि क्षेत्र को प्रदूषण कानून से दूर रखा जाए।
-देशभर में सभी किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामले और मुकदमों को रद्द किया जाए।
11. कृषि वस्तुओं, फसलों, सब्जियों, दूध उत्पादों और मांस आदि पर आयात शुल्क कम किया जाए। इसके लिए भत्ता बढ़ाया जाए।
12. संविधान की पांचवी अनुसूची को ध्यान में रखकर उसका कार्यन्वयन किया जाए।
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