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Electoral Bonds: जानिए कौन हैं 1368 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड के दानी सैंटियागो मार्टिन, मजदूर से बने लॉटरी किंग

Electoral Bonds
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Electoral Bonds: इलेक्टोरल बॉन्ड्स का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से डाटा मिलने के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार 14 मार्च, 2024 को पूरा विवरण अपने पोर्टल पर अपलोड कर दिया था। चुनाव आयोग की साइट पर डाली गए डाटा में वे सारे नाम हैं। जिन्होंने राजनीतिक चंदा देने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे।

सबसे अधिक बॉन्ड फ्यूचर गेमिंग एंड होटल

इस लिस्ट के अनुसार सबसे अधिक बॉन्ड (Electoral Bonds) फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने खरीदे है। जिसने इन बॉन्ड के जरिए 1,368 करोड़ रुपए दिए है। इस कंपनी का संचालन सैंटियागो मार्टिन करते हैं। उनको लॉटरी किंग के नाम से जाने जाते हैं। उनके धर्मार्थ ट्रस्ट की वेबसाइट के मुताबिक म्यांमार के यांगून में मजदूर के रूप में सैंटियागो मार्टिन ने काम शुरू हुआ था। वह साल 1988 में भारत लौट आए।

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तमिलनाडु में आकर लॉटरी बिजनेस शुरू

उन्होंने तमिलनाडु में आकर लॉटरी बिजनेस (Electoral Bonds) शुरू किया था। उन्होंने फिर बाद में कर्नाटक और केरल में कारोबार का विस्तार कर दिया। वहां नॉर्थ ईस्ट में लॉटरी बिजनेस को शुरू करने के बाद सैंटियागो मार्टिन ने भूटान और नेपाल में कंपनी शुरू की और जल्द ही लॉटरी बिजनेस भी शुरू कर दिया। जिसके बाद में सैंटियागो मार्टिन ने कंस्ट्रक्शन, रियल स्टेट कपड़ा और हॉस्पिटैलिटी व्यवसायों में हाथ अजमाना शुरू कर दिया।

लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष

जिसके बाद सैंटियागो मार्टिन (Electoral Bonds) ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष भी हैं। जो भारत में लॉटरी व्यापार के उत्थान विश्वसनीयता को बढ़ावा देने के लिए कोशिश कर रहा है। सैंटियागो मार्टिन की अगुवाई में कंपनी प्रतिष्ठित विश्व लॉटरी एसोसिएशन फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशंस इंडिया लिमिटेड की सदस्य बन गई। ईडी 2019 से पीएमएलए कानून के उल्लंघन के लिए सैंटियागो मार्टिन की कंपनी की जांच कर रहा है।

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ईडी कंपनी पर जांच कर रही

उन्होंने मई 2023 में कोयंबटूर (Electoral Bonds) और चेन्नई में छापेमारी की थी। इस मामले से परिचित अधिकारियों ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई के आरोप पत्र पर आधारित है, जिसमें आरोप लगा कि कंपनी ने केरल में सिक्किम सरकार से लॉटरी बेची। ईडी का उनकी कंपनियों पर आरोप है कि कंपनी ने अप्रैल 2009 से अगस्त 2010 तक पुरस्कार विजेता टिकटों के दावे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है।

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