prashant kishor and bpsc students

जानिए कैसे प्रशांत किशोर BPSC अभ्यर्थियों के लिए हीरो से विलेन बने?

बिहार में BPSC (bpsc student protest) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी कई दिनों से गर्दनीबाग में बैठे हुए हैं। इस दौरान कई राजनीतिक दलों ने छात्रों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। लेकिन जब इस आंदोलन में प्रशांत किशोर (prashant kishor) यानी PK की एंट्री हुई तो आंदोलन ने व्यापक रूप ले लिया। जिसका नतीजा रहा है कि रविवार रात को छात्र जब गांधी मैदान जाने के लिए सड़क पर उतरे तो उन्हें पुलिस के डंडों और कड़ाके वाली डंड में पानी की बौझारों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद देखते ही देखते जन सुधार पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर छात्रों के लिए मसीहा से विलेन बन गए। आ इए आपको समझाते ये सब हुआ कैसे…

छात्रों से प्रशांत किशोर के मिलने के बाद क्या हुआ?

दरअसल, गुरुवार 26 दिसंबर को गर्दनीबाग में परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे BPSC छात्रों से प्रशांत किशोर (prashant kishor news) मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कुछ दिन पहले आंदोलनकर्ता छात्रों पर हुए लाठी चार्ज की निंदा करते हुए कहा कि अगर छात्र मार्च को लेकर सड़क पर उतरेंगे तो वे छात्रों में सबसे आगे होंगे। 26 दिसंबर को हुई मुलाकात में प्रशांत किशोर ने छात्रों से कई वादे भी किए और फिर वहां से चले गए।

prashant kishor

27 दिसंबर का दिन भी गर्दनीबाग में अपनी मांगों के लिए आंदोलन (bpsc student protest in patna) करते हुआ छात्रों का निकल गया। लेकिन असल दिन आया अगली सुबह 28 दिसंबर यानी शनिवार का। शनिवार को प्रशांत किशोर एक बार फिर छात्रों से मिलने पहुंचे। उस दिन उन्होंने रविवार को गांधी मैदान में ‘छात्र संसद’ बुलाने की घोषणा कर दी और छात्रों को ये विश्वास दिलाया कि वह और उनकी पार्टी हर कदम पर उनके साथ है। लेकिन इस बीच जिला प्रशांसन ने छात्र संसद को अनुमति देने से मना कर दिया।

प्रशासन ने क्यों मना किया?

‘छात्र सांसद’ को अनुमति ना देते हुए जिला प्रशासन ने कहा कि ऐसे किसी भी कार्यक्रम के लिए 45 दिन पहले चिट्टी दी जानी चाहिए। प्रशासन ने कहा कि गांधी मैदान में सरस मेला खत्म होने बाद उसके स्ट्रक्टर को हटाने का काम चल रहा है। इसके अलावा वहां भारी संख्या में पुलिस बहाली के उम्मीदवार भी आ रहे हैं। ऐसे में ‘छात्र संसद’ गांधी मैदान में नहीं बुलाई जा सकती।

फिर भी छात्र गांधी मैदान पहुंचने लगे

जिला प्रशासन के मना करने के बाद भी आंदोलनकारी छात्र गांधी मैदान पहुंचने लगे। आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन करने के लिए प्रशांत किशोर भी वहां आ गए। पुलिस छात्रों को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश करने लगी। जिसके बाद छात्र बीच सड़क पर ही बैठ गए। अभर्थीयों हाटने के लिए पुलिस ने उन पर कड़ाके दी ठंड में वाटर कैनल से पानी की बौझारें की। लेकिन तब भी वे नहीं हटे, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

छात्रों ने प्रशांत किशोर पर उतारा गुस्सा

लाठाचार्ज के बाद गुस्साए छात्रों ने प्रशांत किशोर पर गुस्सा उतारना शुरु कर दिया। इस दौरान जब प्रशांत किशोर अभ्यथिर्यों के पास पहुंचे तो आंदोलनकारी छात्रों में से कुछ ने कहा, ‘यही प्रशांक किशोर हमारे साथ लाठी खाने आए थे। बदतमीज इंसान हैं।’ ये सब सुनते ही प्रशांत किशोर भी गुस्से में आ गए। उन्होंने भी छात्रों को सुना दिया। इस दौरान उनकी छात्रों के साथ हलकी कहासुनी हो गई। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

सोमवार की सुबह भी प्रशांत किशोर पर BPSC के छात्रों का गुस्सा देखने को मिला। आंदोलनकारी कुछ छात्रों का कहना था कि रविवार रात को जब पुलिस उन पर पानी की बौझार कर रही थी और लाठियां बरसा रही थी तो प्रशांत किशोर वहां से निकल गए थे। उन्होंने हमे अकेले ही पुलिस की लाठी खाने के लिए छोड़ दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि हम तो शांति से गर्दनीबाग में आंदोलन कर रहे थे। प्रशांत किशोर के कहने पर ही हम गांधी मैदान की ओर बढ़ने लगे। हमारी पिटाई प्रशांत किशोर के चलते हुई है।

पुलिस ने दर्ज किया एफआईआर

बता दें कि इस मामले में बिहार पुलिस ने नामदर्ज एफआईआर दर्ज कर दी है। जिसमें प्रशांत किशोर पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इसके अलावा उनकी पार्टी जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज भारती पर भी पुलिस ने FIR दर्ज की है।

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