कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में सियालदह कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय को दोषी ठहराया है, और उसकी सजा का ऐलान सोमवार को किया जाएगा।
मामले की जानकारी के मुताबिक, संजय रॉय आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार रूम में पहुंचा, जहां उसने महिला डॉक्टर पर हमला किया और उसकी जान ले ली। कोर्ट ने इस घटना के तहत बीएनएस की धारा 64, 66, और 103/1 के तहत मामला दर्ज किया है।
इस फैसले ने महिला डॉक्टर के परिवार और अस्पताल के कर्मचारियों को थोड़ी राहत दी है, जो लंबे समय से न्याय की मांग कर रहे थे।
‘असली गुनाहगारों को छोड़ा जा रहा है’: संजय
आरोपी संजय ने जज के सामने कहा, “मैं बेगुनाह हूं, मुझे झूठे केस में फंसाया गया है। मैंने यह अपराध नहीं किया। असली गुनाहगारों को छोड़ा जा रहा है।”
यह मामला 8-9 अगस्त 2024 की रात का है, जब एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी। लंबे इंतजार के बाद, आज उस पीड़िता को न्याय मिला। इस घटना के करीब 162 दिन बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
13 अगस्त को जांच की ज़िम्मेदारी सीबीआई ने ली
Additional District Judge Sealdah Court finds accused Sanjay Roy guilty in the RG Kar rape-murder case. The court says the quantum will be given on Monday.
Accused Sanjay says to the judge, “I have been falsely implicated. I have not done this. Those who have done so are being… https://t.co/OBMM51azZU
— ANI (@ANI) January 18, 2025
57 दिनों तक इस मामले की सुनवाई चली। शुरुआत में इस केस की जांच कोलकाता पुलिस कर रही थी, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने 13 अगस्त को जांच की ज़िम्मेदारी ली और अपनी कार्रवाई शुरू की। जांच के दौरान सीबीआई ने 120 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए। लगभग दो महीने तक इस मामले की सुनवाई कैमरे के सामने हुई। सीबीआई के वकील ने संजय रॉय को दोषी साबित करने के लिए न केवल झूठ पकड़ने वाले टेस्ट (एलवीए) का सहारा लिया, बल्कि डीएनए नमूने, विसरा और अन्य जैविक साक्ष्य भी अदालत में पेश किए।
डीएनए के नमूने संजय रॉय से खाते हैं मेल
सीबीआई ने बताया कि पीड़िता ने रेप और जान से मारने की कोशिश के दौरान खुद को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया। इस दौरान, उसने आरोपी संजय रॉय को पांच बार घायल किया, जो जांच में सामने आया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पीड़िता के शरीर से लिए गए लार और डीएनए नमूने संजय रॉय से मेल खाते हैं।
सीबीआई के वकील ने इस घटना को मानवता को शर्मसार करने वाला बताया। जांच के दौरान एक मेडिकल बोर्ड ने पुष्टि की कि पीड़िता की मौत गला घोंटने से हुई थी। जब ट्रेनी डॉक्टर ने अपनी जान बचाने की कोशिश की, तो उसका चश्मा टूट गया। घटना इतनी क्रूर थी कि पीड़िता की आंख, मुंह और गुप्तांगों से खून बह रहा था। उसकी गर्दन और होठों पर भी चोट के निशान पाए गए।
राष्ट्रीय टास्कफोर्स का किया गया था गठन
सुप्रीम कोर्ट ने एक घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए देश के डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। इसके बाद डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देशभर में एक राष्ट्रीय टास्कफोर्स का गठन किया गया