Kolkata Doctor Rape Murder Case: पूरा हुआ संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट, अब खुलेंगे सारे राज!
Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट रविवार को प्रेजीडेंसी जेल में किया जा रहा था, जो करीब चार घंटे तक चला। टेस्ट के बाद सीबीआई की टीम जेल से बाहर निकल गई।
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान, आरोपी को कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं और एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं जैसे कि दिल की धड़कन, रक्तचाप और सांस लेने की गति पर निगरानी की जाती है। इन प्रतिक्रियाओं के आधार पर यह आकलन किया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ।
दो और लोगों का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को कोलकाता में उनके कार्यालय में दो और लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा। शनिवार को अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष समेत चार लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया था। सीबीआई की टीम अब संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट और उसके साइकोलॉजिकल टेस्ट की रिपोर्ट को मैच करेगी, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि आरोपी ने सीबीआई के सवालों में कितना सही बोला है।
गहराई से की जा रही है मामले की जांच
इसके साथ ही CBI अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में तेजी से छापेमारी की जा रही है। सीबीआई की टीम ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर भी छापा मारा। करीब छह घंटे की छापेमारी के बाद एक टीम घर से चली गई, जबकि दूसरी टीम अभी भी वहां मौजूद है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में संदीप घोष की टीम में शामिल देवाशीष सोम और संजय वशिष्ठ के घरों पर भी छापे मारे गए हैं। सीबीआई ने कुल 15 स्थानों पर छापेमारी की है। आज सुबह छह बजे सीबीआई ने संदीप घोष के घर पर दस्तक दी, लेकिन डेढ़ घंटे की प्रतीक्षा के बाद दरवाजा खोला गया। इसके साथ ही दो सीनियर डॉक्टरों के घरों पर भी छापे मारे गए हैं। मेडिकल कॉलेज के पूर्व वाइस प्रिंसिपल अख्तर अली की शिकायत के आधार पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया है। कोलकाता रेप और मर्डर कांड की जांच अब और गहराई से की जा रही है।
स्थानीय पुलिस पर सीबीआई के आरोप
सीबीआई ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या के मामले को दबाने का प्रयास किया था। सीबीआई का कहना है कि जब तक संघीय एजेंसी ने मामले की जांच अपने हाथ में ली, तब तक अपराध स्थल से छेड़छाड़ की जा चुकी थी।