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Kolkata Nabanna March: नबन्ना मार्च के दौरान बवाल, पुलिस ने छात्रों पर किया लाठीचार्ज, छोड़े आंसू गैस के गोले

Kolkata Nabanna protest: Police lathi-charge, use tear gas, water cannons to protesters

Kolkata Nabanna March: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हो रहे ‘नबन्ना मार्च’ के दौरान बड़े पैमाने पर बवाल हुआ। यह मार्च आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुए एक रेप और मर्डर मामले में न्याय की मांग को लेकर आयोजित किया गया था। हजारों की संख्या में छात्रों और प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय भवन, जिसे नबन्ना कहा जाता है, का घेराव करने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने उनकी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और पानी की बौछार की।

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पुलिस ने की पानी की बौछार

प्रदर्शनकारियों की एक तस्वीर में एक बुजुर्ग व्यक्ति भी नजर आया, जो गेरुआ वस्त्र पहनकर और हाथ में तिरंगा लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल था। जब पुलिस ने उस बुजुर्ग पर पानी की बौछार की, तो उसने इशारों में पुलिस को शर्म करने की सलाह दी। वीडियो में देखा जा सकता है कि बुजुर्ग ने पहले पानी डालने के लिए इशारा किया और फिर दोनों हाथों से शर्म करने की ओर इशारा किया। यह दृश्य ममता बनर्जी की सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है।

Kolkata Nabanna protest: Police lathi-charge, use tear gas, water cannons to protesters

ममता बनर्जी इस्तीफा दें

यह प्रदर्शन आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक  डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के विरोध में था। प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। उनकी मांग है कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और ममता बनर्जी इस्तीफा दें। मार्च हावड़ा के संतरागाची और उत्तर कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से शुरू हुआ था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की और नबन्ना की ओर जाने वाले मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए।

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पूरी तरह से अराजनीतिक है ये रैली

‘छात्रसमाज’ के प्रवक्ता सयान लाहिड़ी ने कहा कि यह रैली पूरी तरह से अराजनीतिक है और उनका उद्देश्य शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग को रखना है। लाहिड़ी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को उकसाए जाने के बावजूद, वे न्याय की मांग को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार से अपील की है कि वे आरजी कर अस्पताल की घटना के पीड़ित और उसके परिवार के लिए न्याय की मांग को गंभीरता से लें।

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