Kota Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने शनिवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी इस लिस्ट में कुल 195 नाम शामिल है। जिसमें राजस्थान से 15 उम्मीदवारों के नाम भी शामिल है। इस सूची में एक नाम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी है। ओम बिरला को राजनीति में लगभग 35 साल का अनुभव है। राजस्थान के हाड़ोती क्षेत्र (Kota Lok Sabha Chunav 2024) के बड़े नेता के रूप में अपनी पहचान रखते है। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उनका नाम बड़ा ही चौंकाने वाला था। अब एक बार फिर पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है।
कोटा-बूंदी सीट से बनाया उम्मीदवार:
लोकसभा अध्यक्ष के रूप में ओम बिरला ने अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। उनको भाजपा ने लगातार तीसरी बार कोटा-बूंदी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। साल 2014 और 2019 में उन्होंने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था। दोनों ही चुनावों में उन्हें भारी मतों से जीत मिली थी। अब एक बार फिर उन्हें कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। इस क्षेत्र को राजस्थान में हाड़ोती के नाम से जाना जाता है।
कोटा-बूंदी सीट भाजपा का गढ़:
बता दें कोटा संभाग में दो लोकसभा सीट आती है। इसमें एक सीट कोटा-बूंदी और दूसरी झालावाड बारां लोकसभा सीट शामिल है। दोनों ही सीटों को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। क्योंकि यहां से पिछले काफी समय से बीजेपी ही चुनाव जीत रही है। कोटा-बूंदी सीट से भाजपा ने लगातार तीसरी बार ओम बिरला को चुनावी मैदान में उतारा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से इस क्षेत्र में पिछले 10 साल में कई बड़े विकास कार्य हुए है।
45 साल में दो बार जीतीं कांग्रेस:
कांग्रेस के लिए कोटा बूंदी लोकसभा सीट जीतना बहुत बड़ी चुनौती है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की लोकप्रियता को देखते हुए एक बार फिर कांग्रेस इस सीट पर पिछड़ती नज़र आ रही है। ओम बिरला को चुनाव प्रबंधन और बूथ स्तर तक कुशल तालमेल के लिए जाना जाता है। ऐसे में बिरला इस सीट से जीत की हैट्रिक लगाना चाहेंगे। अगर इस सीट के इतिहास पर नज़र डाले तो यहां से पिछले 45 सालों में 10 बार बार लोकसभा चुनाव हुए है। इसमें भाजपा को आठ बार जीत मिली है। जबकि सिर्फ दो बार उसे हार का सामना करना पड़ा है।
कोटा-बूंदी लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम:
ओम बिरला पहली बार लोकसभा में साल 2014 में पहुंचे थे। उससे पहले वो कोटा से तीन बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने कोटा के दिग्गज कांग्रेस नेता शांति धारीवाल को भी पटखनी दी है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते भाजपा ने साल 2014 में उन्हें पहली बार लोकसभा का टिकट दिया। उन्होंने 2014 में कांग्रेस के इज्यराज सिंह को हराया था। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने जातिगत राजनीति समीकरण के तहत रामनारायण मीणा को टिकट दिया था। लेकिन उन्हें भी बिरला ने करीब 2 लाख 80 हज़ार मतों से मात दी थी।
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शांति धारीवाल या अशोक चांदना को दे सकती कांग्रेस टिकट:
भाजपा ने कोटा-बूंदी सीट से ओम बिरला को वापस टिकट देकर अपना पक्ष मजबूत कर लिया है। अब सभी की निगाहें इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार पर टिकी हुई है। राजनीति के जानकार मानते हैं कि अगर इस सीट पर कांग्रेस शांति धारीवाल और अशोक चांदना को उतारती है तो मुकाबला रोचक हो सकता है। क्योंकि धारीवाल और अशोक चांदना भी हाड़ोती के बड़े नेता के रूप में पहचान रखते है। इसके अलावा कांग्रेस इस सीट से एक बार फिर जातिगत राजनीति के तहत प्रत्याशी उतार सकती है।
2024 में क्या स्थिति बन रही है..?
अब सबसे बड़ा सवाल है कि कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र में 2024 के चुनाव में क्या स्थिति बन रही है..? इसको जानने के लिए OTT India की टीम ने राजस्थान की राजनीति के जानकारों से बात की तो कुछ स्थिति स्पष्ट हुई है। राजस्थान की राजनीति के जानकारों की माने तो इस बार लोकसभा चुनाव में एक बार फिर इस सीट से भाजपा का पलड़ा काफी भारी माना जा रहा है। इसके पीछे विकास कार्यों के साथ ओम बिरला की लोकप्रियता को बताया जा रहा है। ऐसे में देखना है कि कांग्रेस कोटा-बूंदी जैसी मुश्किल सीट पर कैसे जीत की नैया पार लगा पाती है..?
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