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Kuber Tila in Ayodhya: क्या है कुबेर टीले का महत्व, जहां आज जाएँगे पीएम मोदी

Kuber Tila in Ayodhya
Kuber Tila in Ayodhya (Image Credit: Social Media)

Kuber Tila in Ayodhya: अब बस कुछ लम्हों की बात है जब अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) राम लल्ला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Lalla Pran Pratishtha) करेंगे। पीएम मोदी अयोधा पंहुच चुके हैं। मोदी 10.55 बजे राम मंदिर पहुंचेंगे। वो 12:05 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। इसके बाद पीएम 1 बजे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 2.15 बजे अयोध्या में कुबेर टीला जाकर वहां पर भगवान शंकर के मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे।

कुबेर टीला का महत्व (Importance of Kuber Tila in Ayodhya)

अयोध्या में कुबेर टीला (Kuber Tila in Ayodhya) पौराणिक कथाओं में डूबा हुआ स्थान है। यहाँ पर श्री नवरत्न के रूप में वर्णित एक प्राचीन शिवलिंग है। श्री राम और श्री कुबेर के जन्मस्थान के पास महिमा और धन के प्रतीक महादेव की उपस्थिति एक अलग ही व्याख्या करती है। कुबेर टीला में हाल ही में 30 फ़ीट ऊँची जटायु की मूर्ति का निर्माण किया गया है। कुबेर टीला (Kuber Tila in Ayodhya) पर जटायु की मूर्ति रामायण में पौराणिक पक्षी की भूमिका को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। सीता को रावण के चंगुल से बचाने के जटायु के प्रयास को यहाँ मान्यता मिलती दिखाई देती है। प्रधानमंत्री मोदी प्राण प्रतिष्ठा के बाद जटायु की कांस्य प्रतिमा पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यहाँ के शिव मंदिर का भी जीर्णोद्वार कराया गया है।

धन के देवता कुबेर ने यहाँ की थी शिव की आराधना (Kuber, the god of wealth, worshiped Shiva here)

पौराणिक कथाओं के अनुसार जहाँ आज कुबेर टीला है वहां धन के देवता कुबेर ((Kuber Tila in Ayodhya) ने भगवान् शिव की पूजा की थी। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि के निकट ही ऊंचे टीले पर शिवलिंग की स्थापना की थी। बाद में यहाँ ‘नौ रत्न’ -मां पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी, कुबेर सहित कुल नौ देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित की गई। इसलिए यह स्थान ‘नौ रत्न’ कहा जाने लगा। बता दें की राम मंदिर निर्माण शुरू होने से पहले यहाँ शिव की पूजा और आराधना की गयी थी। यह क्रिया वैसे ही थी जैसे भगवान् राम ने रावण से युद्ध के पूर्व रामेश्वरम में शिव लिंग की स्थापना कर पूजा अर्चना की थी।

नोएडा में बनी थी जटायु की मूर्ति (Jatayu’s statue was built in Noida)

नोएडा की एक कार्यशाला में डिजाइन और ढाली गई, जटायु की 30 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा अब अयोध्या (Kuber Tila in Ayodhya) में राम जन्मभूमि परिसर में एक ऊंचाई – कुबेर टीला – पर स्थापित की गयी। यह मूर्ति प्रतिष्ठित मूर्तिकार राम वनजी सुतार की नवीनतम कृति है। कुबेर टीला का सुंदरीकरण राम मंदिर परिसर का ही एक योजना है।

सरयू तट पर बेंगी विश्व की सबसे ऊँची राम प्रतिमा

भगवान राम की 251 मीटर ऊंची मूर्ति जो सरयू के तट पर बनेगी। स्थापित होने के बाद यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन जाएगी। 182 मीटर की ऊंचाई पर, गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने अब यह रिकॉर्ड कायम कर लिया है। उसे भी सुतार और उनके बेटे अनिल ने डिजाइन किया था। भगवान राम की यह प्रतिमा भी प्रतिष्ठित मूर्तिकार राम वनजी सुतार और उनके पुत्र अनिल ही बना रहे हैं।

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