Kumaoni Holi in Lucknow: लखनऊ। कुमाऊँ में होली की काफी समय से समृद्ध परम्परा रही है। वसंत पंचमी के आते ही जब शरीर में नव किसलय की तरंगे उठने लगती हैं, कोयल पंचम स्वर में गाने लगती है, सरसों व फ्योंली की पीलिया सारी धरती को पीताम्बरी पिछौड़ा उड़ा देती है तब कुमाऊँ की बैठकी व खड़ी होलियाँ (Kumaoni Holi in Lucknow) सजने लगती हैं।
इसी परम्परा को निभाते हुए डॉ करुणा पांडे के आवास में कुमाउनी होल्यारों (Kumaoni Holi in Lucknow) की धूम मची | उत्तराखंड की होली अपने भावों, रागों, और उल्लासपूर्ण अभिव्यक्ति के कारण विश्व प्रसिध्द है। हजारों वैलेंटाइन इस होली के त्यौहार में गुम होते हैं। सुहागनों का सुहाग,विरह की मधुर वेदना, फाल्गुन का फाग,पति-पत्नी, देवर-भाभी, जीजा-साली, की चुहल, शुक्ल पक्ष के चंद्रमा की ज्योत्सना का आनंद होली (Kumaoni Holi in Lucknow) का त्यौहार लाता है।
गुलाल.रंग, अबीर पिचकारी और ढोलक की थाप पर थिरकते कान्हा के साथ होली (Kumaoni Holi in Lucknow) की चुहलबाजी, और सभी देवताओं को बुलाकर होली खेलने का आनंद अवर्णनीय है। उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र की होली का अपना एक अलग ही अंदाज है, जिसमें राग है, हंसी है, मतवालापन है, मिठास है, मस्ती है, शील है, सौंदर्य है और है बसंत ऋतु के यौवन का अल्हडपन। इसी उमंग ने भारतीय समाज की समरसता,समन्वयशीलता ,सहजता, और सामाजिकता को नए आयाम दिए हैं | उत्तराखंड की होली रागों में गाई जाती है।
इन आयामों को सजाने ,सवांरने तथा अपनी संस्कृति को जीवंत रखने के लिए और लोकगीतों की माला पिरोने के लिए डॉ. करुणा पांडे ने “कुमाउनी होली गीत संध्या” (Kumaoni Holi in Lucknow) का आयोजन किया जिसमें सभी देवताओं के स्वागत गीत गाकर उनका आव्हान किया गया। सिध्दी को दाता विध्न विनाशन, हिमालय डाना लाल भयो , शिव-शंकर खेलत हैं होरी, आज बिरज में होली रे रसिया ,आयो नवल बसंत आदि के साथ, केसरी रंग डारो भिगावन गीत द्वारा सबको आशीर्वाद दिया।
यहाँ मान्चीन गायिकाओं के द्वरा शास्त्रीय होली प्रस्तुत की गयी। नृत्य का दौर चला तो सभी के पाँव खुद व्-खुद थिरकने लगे। होली उत्सव का इतना जीवंत माहौल था कि मन मयूर नाच उठा। नृत्य गीत से सजे इस रंगारंग कार्यक्रम में, वरिष्ठ गायिका पद्मा गिडवानी और विमल पन्त, भाषा पन्त, आशा रावत, श्रीमती निर्मला पन्त ,निशा चौहान, भारती सिंह, किरण यादव, डॉ विद्या विन्दु सिंह , सरिता सिंह ,नीना सिंह ,अनामिका, रमा सिंह , राधा बिष्ट , अरुणा उपाध्याय, अनीता गुप्ता, गीता चौधरी, सुषमा चौहान, लीला पांडे, रेखा, अमिता दुबे, विनीता मिश्रा, अलका प्रमोद, ज्योति किरण, डॉ,मंजू मेहरोत्रा, ऋतू जोशी, रंजना मिश्रा, रीता अग्रवाल, पूनम, डॉ रश्मि, सुनीता भाल, मीता जोशी, रुपाली, उमा त्रिगुणायत, तथा विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने शिरकत की ,वहां स्थानीय लोग भी मौजूद थे।
सभी होली की मस्ती में डूबकर आनंदित हो रहे थे। हर्षातिरेक से भरा संमा वहां था। अनिल पांडे की आवभगत और सह्रदयता उत्तराखंड की सरलता को प्रतिबिम्बित कर रही थी।
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