Kumar Vishvash on Kejriwal

Kumar Vishvash on Kejriwal: कुमार विश्वास ने किया अपने पुराने दोस्त के जेल जाने पर कटाक्ष?

Kumar Vishvash on Kejriwal: दिल्ली। एक समय था जब देश की भलाई का झण्डा लेकर निकले अन्ना हज़ारे के साथ देश के बड़े बड़े चेहरे एक मंच पर दिखाई देने लगे थे। फिर वहाँ से शुरू हुई राजनीति की नयी दुनिया। दुनिया आम आदमी पार्टी की। उस दुनिया में कई चेहरे दिखाई दिये जो आन्दोलन में भी शामिल थे। दोस्ती की मिसाल में दो नाम शामिल अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास। पर एक समय वो भी आया जब इस दोस्ती में दरार आई। दोनों के बयानों से पहले सिर्फ कयास लगाए गए पर कुमार विश्वास ने कई बार सार्वजनिक मंच पर इसका जिक्र किया।

कुमार विश्वास और केजरीवाल की दोस्ती

एक समय था जब कुमार विश्वास, मनीष सीसोदिया और अरविंद केजरीवाल की दोस्ती की मिसाल राजनीति के सारे घराने में दी जाती थी। लगभग सभी मंचों और कार्यक्रमों में एक साथ नज़र आने वाले तीनों आम आदमी पार्टी से तो जुड़े ही थे पर साथ ही आपसी दोस्ती भी इतनी गहरी थी कि पारिवारिक संबंध भी जुड़े हुए थे। चर्चाओं में ये भी आया कि अरविंद केजरीवाल कि सरकार में जल्दी ही कुमार विश्वास को स्थान मिलने वाला है। इसका सीधा मतलब था कि मनीष सीसोदिया के बाद कुमार विश्वास को भी केजरीवाल के सरकार में कोई पद मिलने वाला है। पर सारी स्थितियाँ बदल गयी।

गिफ़्तारी पर कुमार विश्वास की प्रतिकृया

अरविंद केजरीवाल पर ईडी ने जैसे ही शिकंजा कसा और उन्हें उनके घर जाकर पूछताछ के बाद गिफ़्तार किया। तब केजरीवाल के पुराने मित्र कुमार विश्वास ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की। उस पोस्ट को अरविंद केजरीवाल की गिफ़्तारी से जोड़ कर देखा जा रहा है। उन्होने रामायण की एक चौपाई लिखी है। उन्होने लिखा, ‘कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा’। इसका मतलब हुआ कि दुनिया कर्म प्रधान है और जिस व्यक्ति का कर्म जैसा होगा उसे वैसा ही फल भी चखना होगा। अब दोस्ती के बीच आई दरार और फिर खुले मंचों के विरोध को देखते हुए इसका सीधा मतलब केजरीवाल की गिरफ्तारी से ही लगाया जा रहा है। हालांकि कुमार विश्वास ने किसी भी तरह की सीधी प्रतिकृया अभी तक नहीं दी है और ना ही सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल के नाम का जिक्र ही किया है।

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