महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना’ में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद 9 लाख महिलाओं के नाम योजना से हटा दिए गए हैं। जांच में पाया गया कि कुछ लोगों के नाम पर कई खाते खोले गए थे। वहीं कुछ पुरुष भी इस योजना का लाभ उठा रहे थे। इसके अलावा, फरवरी महीने की 1,500 रुपये की किस्त अभी तक लाभार्थी महिलाओं के खातों में जमा नहीं हुई है, जिसे लेकर महिलाएं चिंतित हैं।
योजना से 9 लाख महिलाओं के नाम बाहर
बता दें कि मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। हालांकि, हाल ही में हुई जांच में यह बात सामने आई कि कुछ लाभार्थियों के नाम पर कई खाते खोले गए थे और कुछ पुरुष भी इस योजना का लाभ उठा रहे थे। इसके बाद सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए 9 लाख महिलाओं के नाम योजना से हटा दिए हैं।
वहीं जांच में यह भी पाया गया है कि कई लाभार्थी इस योजना के मापदंडों को पूरा नहीं करते थे। जिसके चलते सरकार ने लाभार्थियों की स्क्रीनिंग की और केवल जरूरतमंद महिलाओं को ही योजना का लाभ देने का फैसला किया। इस स्क्रीनिंग से सरकार को 1,620 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
फरवरी की किस्त को लेकर अपडेट
बता दें कि फरवरी महीने की 1,500 रुपये की किस्त अभी तक लाभार्थी महिलाओं के खातों में जमा नहीं हुई है। महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें यह राशि कब मिलेगी। हालांकि, अब एक बड़ी अपडेट सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, फरवरी की किस्त जल्द ही लाभार्थियों के खातों में जमा की जाएगी। वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ तकनीकी कारणों से यह राशि अब तक जमा नहीं हो पाई थी। हालांकि, अब इन तकनीकी समस्याओं को हल कर लिया गया है और जल्द ही महिलाओं के खातों में पैसा जमा किया जाएगा।
महिलाओं को आर्थिक सशक्त बनाना था उद्देश्य
मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई थी। हालांकि, योजना में अनियमितताओं के मामले सामने आने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अब केवल वही महिलाएं योजना का लाभ उठा सकेंगी, जो योजना के मापदंडों को पूरा करती हैं।