आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी (Lalit Modi) वनातु नाम के द्वीपीय देश में बसने का सपना देख रहे थे, लेकिन वहां की सरकार ने उन्हें बड़ा झटका दे दिया है। वनातु (Vanuatu) के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने नागरिकता आयोग को आदेश दिया है कि ललित मोदी को दिया गया पासपोर्ट रद्द किया जाए।
लंदन में भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने का दिया था आवेदन
आईपीएल के संस्थापक ललित मोदी ने हाल ही में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन दिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की।
ललित मोदी साल 2010 में भारत छोड़कर लंदन चले गए थे। अब उन्होंने भारतीय नागरिकता छोड़ने के लिए आवेदन किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि मोदी ने भारतीय उच्चायोग में पासपोर्ट जमा करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसकी जांच मौजूदा नियमों के तहत होगी।
इसके साथ ही, जानकारी मिली है कि उन्होंने वनातु की नागरिकता ले ली है। सरकार अब भी उनके खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों को आगे बढ़ा रही है।
भगोड़ों के लिए सुरक्षित ठिकाना है यह देश
वनातु एक टैक्स हैवन देश है, जहां नागरिकता पाने के लिए करीब 1.3 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ता है। अगर पति-पत्नी दोनों नागरिकता लेना चाहें, तो उन्हें संयुक्त निवेश पर अच्छी खासी छूट मिलती है। यह देश अक्सर भगोड़ों के लिए सुरक्षित ठिकाने के रूप में जाना जाता है।
कहां स्तिथ है वनातु देश?
वनातु एक छोटा द्वीप देश है, जो दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित है। यह ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्व में करीब 1,750 किलोमीटर दूर और न्यूजीलैंड के उत्तर-पूर्व में पड़ता है। वनुआतु करीब 80 द्वीपों का एक समूह है।
इसकी लोकेशन इसे व्यापार के लिए खास बनाती है, क्योंकि यह ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, न्यू कैलेडोनिया और फिजी जैसे बड़े बाजारों के पास स्थित है।
वनातु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने क्या कहा?
वनातु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने नागरिकता आयोग से आग्रह किया है कि ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द कर दिया जाए। यह मांग अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हाल ही में हुए खुलासों के बाद आई है।
प्रधानमंत्री नपत ने कहा, “जब ललित मोदी ने पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया था, तब इंटरपोल स्क्रीनिंग सहित सभी जरूरी जांच में उन पर कोई आपराधिक मामला साबित नहीं हुआ था। लेकिन पिछले 24 घंटों में मुझे पता चला है कि इंटरपोल ने दो बार भारत सरकार के उस अनुरोध को खारिज कर दिया था, जिसमें ललित मोदी के खिलाफ अलर्ट नोटिस जारी करने की मांग की गई थी। इसका कारण यह था कि भारत की ओर से कोई ठोस न्यायिक साक्ष्य पेश नहीं किया गया था। अगर ऐसा कोई अलर्ट पहले जारी हुआ होता, तो मोदी का नागरिकता आवेदन स्वाभाविक रूप से रद्द हो जाता।”
उन्होंने यह भी कहा कि वनातु का पासपोर्ट मिलना किसी का अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है। नागरिकता केवल उन्हीं लोगों को दी जानी चाहिए जो इसके योग्य हों और जिनके पास वैध कारण हों।