बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर भारतीय रेलवे के हालात को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर आरोप लगाया कि वे रेलवे की बुनियादी संरचना को बेचने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
लालू यादव, जो 2004 से 2009 तक देश के रेल मंत्री रह चुके हैं, ने लिखा, “अब ये कहीं रेल की पटरियां ना बेच दें।” उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले दस वर्षों में रेलवे का किराया और भाड़ा बढ़ा दिया गया है, प्लेटफार्म टिकट की कीमतें बढ़ी हैं, स्टेशन बेचे जा रहे हैं, और जनरल बोगियों की संख्या घटाई जा रही है। इसके अलावा, बुजुर्गों को मिलने वाले लाभ को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे में सुरक्षा घटने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
रेल दुर्घटनाओं पर चिंता
लालू यादव ने रेलवे दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने जुलाई में कहा था कि 13 दिनों में 7 रेल दुर्घटनाएं होना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे इतनी असुरक्षित हो चुकी है कि यात्री ट्रेनों पर चढ़ने से पहले प्रार्थना करने लगे हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि रेलवे के सुरक्षा मानक कितने गिर गए हैं।
जातिगत जनगणना पर बीजेपी को घेरा
लालू यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर भी बीजेपी पर हमला किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “आरएसएस और बीजेपी वालों का कान पकड़, दंड बैठक करा इनसे जातिगत जनगणना कराएंगे।” उन्होंने बीजेपी की इस मुद्दे पर अनिच्छा को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि इनका क्या औकात है जो ये जातिगत जनगणना नहीं कराएंगे।
रेलवे के निजीकरण का सवाल
हाल ही में, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के निजीकरण को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि रेलवे और डिफेंस देश की दो रीढ़ हैं और रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने रेलवे के कायाकल्प के लिए अगले पांच वर्षों का लक्ष्य रखा है।
लालू यादव की इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक माहौल में गर्माहट बढ़ गई है। उनके आरोपों और सवालों ने रेलवे के भविष्य और सुरक्षा पर बहस को फिर से जन्म दिया है।