Pawan Kalyan on Tamil Nadu

भाषा विवाद पर गरजे पवन कल्याण – ‘उत्तर-दक्षिण में मतभेद भूलकर एकता को अपनाएं’

तेलंगाना में भाषा विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और एनडीए सहयोगी पवन कल्याण ने तमिलनाडु में हिंदी भाषा को नकारे जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के लोग तमिल फिल्मों को हिंदी में डब कर देखते हैं और इसका फायदा उठाते हैं, तो तमिलनाडु हिंदी को क्यों खारिज करता है?

हिंदी विरोधी रुख पर उठाए गंभीर सवाल

पवन कल्याण ने भाषाओं के बीच सद्भाव बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भाषा को लेकर टकराव रखना गलत है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय जहां भी जाता है, वहां अरबी या उर्दू में प्रार्थना करता है, और मंदिरों में संस्कृत मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। ऐसे में क्या इन प्रार्थनाओं को तमिल या तेलुगु में किया जाना चाहिए? उन्होंने इस पर सोचने की बात कही।

भाषा को लेकर टकराव गलत, देश की एकता को प्राथमिकता दें

उपमुख्यमंत्री ने तमिलनाडु के हिंदी विरोधी रुख की आलोचना करते हुए इसे गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि किसी चीज को तोड़ना आसान होता है, लेकिन उसे दोबारा बनाना बेहद मुश्किल होता है। उन्होंने देशवासियों से उत्तर और दक्षिण के बीच के मतभेद भूलकर एकता और अखंडता को प्राथमिकता देने की अपील की।

उपमुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे ऐसे राजनीतिक दल को चुनें जो वाकई देश के भले के लिए काम कर रहा हो और जो राष्ट्र के हितों की रक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाए। उन्होंने यह बयान तब दिया जब भारत में भाषा को लेकर विभिन्न विचारधाराओं के बीच विवाद बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई भाषाएं हैं, और इस सिद्धांत को तमिलनाडु समेत सभी राज्यों में लागू किया जाना चाहिए।

उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी के समर्थक तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी हैं। उन्हें यह भी पता चला कि तमिल लोग उनके तेलुगु भाषणों को सुन रहे हैं, और वह तमिल समुदाय द्वारा दिखाए गए प्यार के लिए आभारी हैं। पवन कल्याण ने जन सेना पार्टी के 12वें स्थापना दिवस के अवसर पर अपने निर्वाचन क्षेत्र पीथापुरम में आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में भाषा विवाद पर अपने सवाल उठाए।

 

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