डोनाल्ड ट्रंप (Trump) ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद अपने नए प्रशासन के लिए अपने कई साथियों की नियुक्तियां कर रहें हैं। इसी बीच उन्होंने लिंडा मैकमोहन (Linda McMahon) को शिक्षा विभाग का नया सचिव नियुक्त किया है। लिंडा मैकमोहन, जो पूर्व WWE (वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट) की CEO और विंस मैकमोहन की पत्नी हैं। लिंडा, पहले भी ट्रंप प्रशासन का हिस्सा रह चुकी हैं। उन्होंने 2017 से 2019 तक ट्रम्प सरकार में लघु व्यवसाय प्रशासन का नेतृत्व किया था।
क्या होगी नई शिक्षा नीति ?
ट्रंप ने की नियुक्ति पर विश्वास जताते हुए कहा है कि वह देश भर में सार्वभौमिक स्कूल विकल्प को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत करेंगी। उनका लक्ष्य माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतर विकल्प चुनने का अधिकार देना है। ट्रंप के एजेंडे में यह स्पष्ट है कि वह शिक्षा विभाग को खत्म करने की दिशा में भी कदम उठाना चाहते हैं, जिससे कि राज्य स्तर पर शिक्षा नीति को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके।
लिंडा मैकमोहन ने कनेक्टिकट बोर्ड ऑफ एजुकेशन में साल 2009 में एक वर्ष तक काम किया है और उनके पास शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा अनुभव है।
कैरोलिन लेविट बनीं व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव
ट्रंप ने अपनी टीम में एक और महत्वपूर्ण नियुक्ति की है। उन्होंने 27 वर्षीय कैरोलिन लेविट को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव बनाने का निर्णय लिया है। लेविट, जो पहले ट्रंप के अभियान की प्रवक्ता भी थीं, अब इस पद पर सबसे कम उम्र की प्रेस सचिव बन जाएंगी। ट्रंप ने उनके बारे में कहा कि वह “स्मार्ट, सख्त और प्रभावी संचारक” हैं, जो उनके संदेश को अमेरिकी जनता तक पहुंचाने में मदद करेंगी।
अगर लेविट के राजनीतिक करियर की बात करें तो वह न्यू हैम्पशायर से कांग्रेस के लिए उम्मीदवार रह चुकी हैं और उनके पास मीडिया संबंधों का भी अच्छा अनुभव है।
अन्य प्रमुख नियुक्तियाँ
इसके अलावा, ट्रंप ने मार्को रूबियो को विदेश मंत्री का पद्द सौपा और पीट हेगसेथ को रक्षा मंत्री नियुक्त किया है। रूबियो, जो पहले से ही विदेशी मामलों की समितियों में कार्यरत थे, उनको ट्रंप ने सच्चा मित्र और निडर योद्धा बताया है। वहीं, हेगसेथ एक पूर्व सैनिक और टीवी व्यक्तित्व हैं, जो अब रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे।
ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया विभाग का प्रमुख भी नियुक्त किया है। गबार्ड, जो डेमोक्रेटिक पार्टी से चार बार सांसद रह चुकी हैं, उन्होंने इस चुनाव के दौरान ट्रंप का समर्थन किया था। उनकी हिंदू मान्यताओं को लेकर अमेरिका में उनकी पहचान बनी हुई है।