कर्नाटक में आरक्षण को लेकर एक बार फिर से प्रदर्शन तेज हो गया है। बता दें कि लिंगायत पंचमसाली समुदाय की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर कर्नाटक के बेलगावी में मंगलवार (10 दिसंबर, 2024) को प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन को रोकने के लिए इस समुदाय के धार्मिक प्रमुख बसवजय मृत्युंजय स्वामी के नेतृत्व वाले आंदोलन पर लाठीचार्ज किया गया है।
विधानसभा की ओर बढ़े प्रदर्शनकारी
लिंगायत पंचमसाली समुदाय की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे। दरअसल प्रदर्शकारी सुरक्षा घेरा तोड़कर विधानसभा की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जिसका शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ था। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई, तो वे विधानसभा की ओर मार्च करेंगे और उसका घेराव करेंगे। इसके जवाब में पुलिस ने विपक्षी भाजपा के कई विधायकों और मृत्युंजय स्वामी के साथ-साथ उनके कई समर्थकों को एहतियातन हिरासत में लिया है।
सोशल मीडिया पर लाठीचार्ज के वीडियो वायरल
बता दें कि लाठीचार्ज के कई वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों ने पोस्ट किया है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि सड़कों पर फटे हुए जूतों से लेकर सारा सामान बिखरा हुआ है। इतना ही नहीं और पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जोरदार बहस चल रही है। लाठीचार्ज के दौरान तो एक प्रदर्शनकारी के सिर से खून भी निकल आया था, उसके सिर पर लगी पट्टी खून में सन गई और उसकी सफेद शर्ट खून से लथपथ हो गई है। जिसके बाद पुलिस उसे गिरफ्तार करने ही वाली थी, लेकिन अन्य लोगों ने उसे घेर लिया था। वहीं पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में लोगों ने सरकारी वाहनों और विधायकों के वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया है।
सीएम ने कहा कि बातचीत के लिए बुलाया, वे नहीं आए
वहीं इस झड़प को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी बयान दिया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि पंचमसाली समुदाय के नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लड़ने का अधिकार है और हम लड़ने के अधिकार का विरोध नहीं कर रहे हैं।
प्रदर्शन में कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त
जानकारी के मुताबिक कर्नाटक के बेलगावी में हुए इस प्रदर्शन के दौरान सरकारी और गैरसरकारी कई गाड़ियों को प्रदर्शकारियों ने नुकसान पहुंचाया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कई गाड़ियों के शीशे टूट हैं, इनमें सरकारी गाड़ियां भी शामिल हैं।