LME Share Allocation

4 रुपये में 1337 रुपये वाले शेयर! इस कंपनी ने मजदूरों को बना दिया करोड़पति

नए साल का तो हमेशा स्वागत होता है नए उम्मीदों, नए लक्ष्य और अच्छे दिनों के साथ। लेकिन महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में एक कंपनी ने अपने कर्मचारियों को ऐसा तोहफा दिया कि वो कभी नहीं भूल पाएंगे। यहां की एक कंपनी, लॉयड्स मेटल एंड एनर्जी लिमिटेड (एलएमईएल) ने अपने 6000 कर्मचारियों को एक ऐसा तोहफा दिया, जिसने उन्हें करोड़पति बना दिया। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को 1337 रुपये प्रति शेयर के जो शेयर दिए, वो उन्हें सिर्फ 4 रुपये में मिले। जी हां, 4 रुपये में वो शेयर जो मार्केट में 1337 रुपये में बिक रहे हैं।

क्या है LME और क्यों है यह इतना खास?

एलएमईएल का मुख्यालय गढ़चिरौली जिले में है, जो माओवादी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस कंपनी ने यहां की मुश्किलों को चुनौती के रूप में लिया और आज अपनी लौह अयस्क खदानों और स्टील प्लांट के जरिए कामयाबी की ऊंचाइयों को छुआ है। इस कंपनी के बारे में बात करें तो एलएमईएल महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के गढ़चिरौली में स्थित है, और इसका उद्देश्य लौह अयस्क का खनन करना और साथ ही एक इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट भी विकसित करना है।

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इस कंपनी की सुरजागढ़ लौह अयस्क खदान की वर्तमान क्षमता 9 मिलियन टन है और इसे 25 मिलियन टन तक बढ़ाने की योजना है। कंपनी ने हाल ही में कोंसारी गांव में 24,000-25,000 करोड़ रुपये के स्टील प्लांट का भी निर्माण शुरू किया है।

1337 रुपये वाले शेयर, 4 रुपये में मिले

यहां के कर्मचारियों के लिए यह कदम बहुत खास था। कंपनी ने अपने 6000 कर्मचारियों को वो शेयर दिए जिनकी बाजार में कीमत 1337 रुपये थी। लेकिन इन्हें यह शेयर मात्र 4 रुपये में दिए गए। कर्मचारियों को मिलने वाले इन शेयरों की कीमत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इनमें से कई कर्मचारियों के लिए यह एक जिंदगी बदलने वाला कदम साबित हो सकता है। खास बात ये थी कि ये शेयर 80 फीसदी श्रमिकों को दिए गए थे, जो खदान में काम करते हैं। इन कर्मचारियों में से कई दूरदराज के आदिवासी इलाकों से थे, और कुछ तो पूर्व माओवादी भी थे।

मुख्यमंत्री ने किया खास कार्यक्रम

कंपनी ने इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन एक शानदार तरीके से किया। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कर्मचारियों को संबोधित किया और उन्हें एक बहुत बड़ा तोहफा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “अब आप लोग इस कंपनी के मालिक बन गए हैं। अब आपको अपनी मेहनत का इनाम मिलेगा।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर ये वर्कर्स पांच साल इंतजार करते हैं, तो उन्हें पांच गुना रिटर्न मिलेगा।

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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, “अगर बी प्रभाकरन (कंपनी के प्रबंध निदेशक) इस कंपनी के निदेशक हैं, तो आप सब इसके मालिक हैं।” उन्होंने वर्कर्स को यह समझाया कि ये शेयर उनके भविष्य को सुरक्षित करने का एक बड़ा कदम हैं, और आने वाले समय में कंपनी को और भी अच्छा रिटर्न मिलेगा।

तुलसी मुंडा को मिले 1 करोड़ रुपये के शेयर

कार्यक्रम के दौरान तुलसी मुंडा को 10,000 शेयर दिए गए, जिनकी कीमत करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये थी। तुलसी मुंडा ने पद्मश्री पुरस्कार भी जीता है और वह इस कंपनी के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। इसके अलावा, ओडिशा में काम करने वाले एक आदिवासी कार्यकर्ता और दो आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को भी इस अवसर पर कंपनी के शेयर प्रमाणपत्र दिए गए।

अधिक काम करने वाले कर्मचारियों को मिला अधिक शेयर

कंपनी ने यह सुनिश्चित किया कि जो कर्मचारी ज्यादा समय से काम कर रहे थे, उन्हें ज्यादा शेयर दिए जाएं। जो कर्मचारी कम से कम दो साल तक कंपनी के साथ जुड़े रहे, उन्हें कम से कम 100 शेयर दिए गए। इन शेयरों का कोई लॉक-इन पीरियड नहीं है, यानी कर्मचारी इन्हें किसी भी समय बेच सकते हैं। हालांकि, कंपनी ने यह भी कहा कि भविष्य में कुछ और शेयर दिए जा सकते हैं, यह कर्मचारियों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।

क्या है कंपनी की योजना?

इस कदम के पीछे जो सोच है, वह बहुत गहरी है। यह कदम सिर्फ कर्मचारियों को वित्तीय रूप से मजबूत करने का नहीं है, बल्कि उन्हें यह अहसास भी दिलाने का है कि वे इस कंपनी के अहम हिस्सा हैं। जब कर्मचारी खुद को कंपनी के मालिक के रूप में देखते हैं, तो उनका काम करने का तरीका भी अलग होता है। वे और ज्यादा मेहनत करते हैं, और कंपनी की सफलता में अपना योगदान देने के लिए उत्साहित रहते हैं।

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एलएमईएल की स्टील प्लांट और खदानों के विस्तार की योजना के साथ, आने वाले वर्षों में कर्मचारियों के लिए यह कदम और भी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इन कर्मचारियों को यदि अच्छा प्रदर्शन मिलता है तो उन्हें और शेयर मिल सकते हैं। इसलिए, अब यह कहना गलत नहीं होगा कि भविष्य में एलएमईएल के कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति और भी मजबूत हो सकती है।