Lok Sabha Election 2024 1st Phase Election लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में देश के 21 राज्यों में 102 सीटों पर शुक्रवार को मतदान होना है। इन 102 सीटों में देश के आठ केन्द्रीय मंत्रियों के भाग्य का फैसला भी होना है। इसके अलावा इसमें डीएमके प्रत्याशी कनिमोझी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, अजय भट्ट, ए राजा सरीखे नेता भी चुनाव मैदान में हैं। शुक्रवार को इन नेताओं की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। आईए एक नजर डालते हैं किन दिग्गजों के भाग्य का फैसला कल होना है ।
क्या गडकरी लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक ?
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र की नागपुर लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनावी मैदान में है। गडकरी के खिलाफ कांग्रेस ने विकास ठाकरे को मैदान में उतारा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में नितिन गडकरी ने पहली बार सात बार के सांसद रहे विलास मुत्तेमवार को लगभग तीन लाख के भारी अंतर से हराया था। 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस नेता नाना पटोले को 2.16 लाख वोटों से हराया था। इस बार नितिन गडकरी जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में उतरे हैं। लेकिन इंडिया गठबंधन ने संयुक्त रुप से विकास ठाकरे को मैदान में उतारा है। अब देखना है जनता किसके पक्ष में फैसला करती है।
चौका मारने की तैयारी में किरेन रिजिजू
केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट से चुनावी अखाड़े में हैं। वर्ष 2004 से लगातार सांसद बन रहे किरेन रिजिजू चौथी बार जीत के लिए कमर कस के तैयार हैं , हालांकि उनका मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री और अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष नबाम तुकी से हैं। सियासी गलियारे में चर्चा है कि इसबार रिजिजू की राह में रोड़े बड़े हैं। कांग्रेस ने किरेन रिजिजू का विजय रथ रोकने के लिए एड़ी-चोटी एक किया है। अब देखना दिलचस्प होगा क्या रिजिजू जीत का चौका लगा पाते है या नहीं।
अलवर में दो दिग्गज यादवों की लड़ाई
उधर राजस्थान के जंग में अलवर लोकसभा सीट की बड़ी चर्चा है। अलवर राजस्थान की हॉट सीट बनी हुई है। अलवर के हाई प्रोफाइल सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव चुनावी मैदान में है। भूपेंद्र यादव के खिलाफ चुनावी अखाड़े में कांग्रेस के विधायक ललित यादव ताल ठोक रहे हैं। बताते चलें कि 2019 में अलवर से भाजपा ने बाबा बालक नाथ को टिकट दिया था और वे जीतकर संसद पहुंचे थे। इस बार भाजपा ने भूपेंद्र यादव को उतारा है। अब अरलव में लड़ाई जातिगत समीकरण पर पहुंच गई है। दो दिग्गज यादवों के मैदान में होने से लड़ाई दिलचस्प हो गई है।
उधमपुर से जीत की हैट्रिक लगाएंगे जितेन्द्र सिंह?
नरेन्द्र मोदी की टीम के कद्दावर नेता केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह जम्मू-कश्मीर के उधमपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। जितेन्द्र सिंह उधमपुर से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। भाजपा का दावा है कि जितेन्द्र सिंह अब तीसरी बार भी जीत का सेहरा पहनेंगे। हालांकि लड़ाई बहुत आसान नहीं दिखती। कांग्रेस ने जितेंद्र सिंह के खिलाफ चौधरी लाल सिंह को मैदान में उतारा है। ऐसे में जितेन्द्र सिंह जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे की नहीं देखना दिलचस्प होगा।
बीकानेर में अर्जुनराम मेघवाल की अग्निपरीक्षा
राजस्थान के बीकानेर लोकसभा सीट पर भी लड़ाई आर या पार की है। बीकानेर की सीट सुरक्षित सीट है । इस सीट पर भाजपा ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को मैदान में उतारा है। अर्जुन राम के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व मंत्री और क्षेत्र के कद्दावर नेता गोविंद राम मेघवाल मैदान में कमर कस के तैयार हैं। यहां भी लड़ाई मेघवाल बनाम मेघवाल है।बताते चलें कि अर्जुनराम मेघवाल बीकानेर सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं और अब जीत का चौका लगाने की तैयारी में हैं। बीकानेर में दो मोघवालों की लड़ाई काफी रोचक हो गई है।
डिब्रूगढ़-सोनोवाल की परीक्षा
असम की डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट पर भी लड़ाई दो दिग्गजों के बीच है। यहां केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भाजपा के पहलवान के रूप में चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं तो कांग्रेस से मनोज धनोवर को टिकट दिया है। अब देखना होगा किया डिब्रूगढ़ सीट पर सोनोवाल जीत का परचम लहरा पाते हैं या नहीं?
मुजफ्परनगर में चक्रव्यूह में फंसे संजीव बालियान
उधर यूपी के सबसे चर्चित सीट मुजफ्फरनगर में इस बार केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान चौतरपा घिर गए लगते हैं। संजीव बालियान यहां से लगातार तीसरी बार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। संजीव बालियान के खिलाफ सपा ने कड़ी चुनौती खड़ी की है। सपा ने यहां से जाट नेता हरेंद्र मलिक को उतारा है तो उधर बसपा से दारा सिंह प्रजापति को मैदान में उतार दिया है। गौरतलब है कि 2014 और 2019 के चुनाव में बालियान जीतने में कामयाब रहे, लेकिन इस बार हरेंद्र मलिक और प्रजापति के उतरने से चुनावी लड़ाई में ट्विस्ट आ गया है। इस लोकसभा क्षेत्र में ठाकुर मतदाता संजीव बलियान से नाराज चल रहे हैं तो जाट वोटों में बिखराव की संभावना भी उन्हें परेशान कर सकती है। उधर क्षेत्र में मुस्लिम वोटर सपा के साथ एकजुट हैं। ऐसे में बालियान की राह आसान नहीं है।
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