Lok Sabha Election 2024: जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने भाजपा और कांग्रेस की नींद उड़ा रखी है। बता दें शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जब रैली निकालकर नामांकन दाखिल किया था, तब उनकी जनसभा (Lok Sabha Election 2024) में भारी भीड़ उमड़ी थी। उसको देखते हुए बीजेपी ने अब चुनाव में जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। इस सीट से बीजेपी ने मोदी सरकार के मंत्री कैलाश चौधरी को फिर से टिकट दिया है।
बाड़मेर पीएम मोदी की जनसभा आज:
बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर बीजेपी ने ज्यादा फोकस किया है। क्योंकि यहां कांग्रेस ने नए चेहरे को मैदान में उतारा है। कांग्रेस के लिए इस समय स्टार प्रचारक के रूप में हरीश चौधरी, गोविन्द सिंह डोटासरा और हेमाराम चौधरी ने बाड़मेर सीट का मोर्चा संभाल रखा है। ऐसे में जाट बाहुल्य इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी भी बराबरी पर नज़र आ रहा है। वहीं बीजेपी को राजपूत वोटों के शिफ्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। पीएम मोदी की शुक्रवार यानी आज बाड़मेर में बड़ी जनसभा हो रही है। पीएम मोदी की सभा के बाद माहौल भाजपा के पक्ष में बन सकता है।
मानवेन्द्र सिंह की हुई घर वापसी:
राजस्थान में बड़े राजपूत नेता माने जाने वाले मानवेन्द्र सिंह जासोल पीएम मोदी की सभा में बीजेपी ज्वाइन करेंगे। मानवेन्द्र सिंह 2018 तक भाजपा में ही थे। लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से उनकी अनबन के चलते उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी। उसके बाद वो वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके है। लेकिन अब करीब 5 साल बाद उनकी घर वापसी होने जा रही है। इससे बाड़मेर के साथ कई अन्य सीटों पर भी बीजेपी को काफी फायदा मिल सकता है।
पीएम मोदी की रैली से बदलेगा समीकरण?
फिलहाल बाड़मेर-जैसलमेर में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। निर्दलीय विधायक रविंद्रसिंह भाटी के निर्दलीय ताल ठोकने से यहां मुकाबला रोचक हो गया है। भाटी ने विधानसभा में भी जीत दर्ज करते हुए सभी को चौंका दिया था। कांग्रेस पार्टी जहां भाटी के चुनाव लड़ने से अपना फायदा देख रही है। क्योंकि भाटी की राजपूत वोटों पर अच्छी खासी पकड़ है। राजपूत बीजेपी के मूल वोटबैंक माने जाते है। ऐसे में अब पीएम मोदी की सभा में मानवेन्द्र सिंह की घर वापसी से इस सीट की स्थिति क्लियर हो पायेगी।
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: अपने बेटों के संसदीय क्षेत्र तक ही सीमित है वसुंधरा और गहलोत