Lok Sabha Elections 2024 रायबरेली में कांग्रेस को जीत का इंतजार, प्रियंका वाड्रा से कार्यकर्ताओं की बढी उम्मीद
Lok Sabha Elections 2024 इंदिरा और सोनिया गांधी की तरह अब रायबरेली में कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी प्रियंका का इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस की इस परंपरागत सीट को बचाने के लिए पार्टी के रणनीतिकार लगातार काम कर रहे हैं। पिछले दो माह से चुनाव को लेकर रणनीतिकारों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। ब्लॉक से लेकर गांव तक कार्यकर्ता और पदाधिकारी बैठक करने के साथ ग्रामीणों के बीच चौपाल लगा रहे हैं।
प्रियंका गांधी के लिए पार्टी पूरी तरह तैयार
रायबरेली के सियासी समर में अभी प्रत्याशी की घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन प्रियंका गांधी के लिए पार्टी पूरी तरह से तैयार दिख रही है। रायबरेली में कांग्रेस से इस बार सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने राजस्थान से राज्यसभा जाकर ये संकेत पहले ही दे दिया था। उनके स्थान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम सबसे ऊपर है। केंद्रीय नेतृत्व ने भले ही प्रियंका गांधी के नाम को अभी फाइनल नहीं किया है, लेकिन कार्यकर्ता उनको लेकर आशान्वित हैं। कुल मिलाकर इस समय वही हालात हैं जो वर्ष 1967 में इंदिरा गांधी तो 2004 में सोनिया गांधी के लिए बने थे।
रायबरेली से सोनिया गांधी संसद पहुंची थीं
लखनऊ मंडल की रायबरेली सीट से कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनकर संसद पहुंची थीं। रायबरेली से भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह उपविजेता घोषित हुए। सपा से समझौते के बाद यह सीट कांग्रेस के पास है। यहां पांचवें चरण में वोटिंग होनी है । 26 अप्रैल से नामांकन शुरू होगा। तीन मई नॉमिनेशन की अंतिम तिथि है। नामांकन पत्र की जांच चार मई जबकि नाम वापसी की आखिरी तिथि छह मई है। यहां मतदान 20 मई को होना है।
कांग्रेस भी बूथ जीतने की रणनीति पर
कांग्रेस कार्यकर्ता बूथ स्तर पर मेहनत कर रहे हैं । संगठन जिले के 1800 से अधिक बूथों पर ताकत लगाए है। वहीं भाजपा भी बूथ जीतने की रणनीति पर चल रही है। ऐसे में एक-एक मतदाता के नाम और उसके जातीय गणित का हिसाब रखा जा रहा है। कांग्रेस के एजेंडे को बूथों पर प्रचारित भी किया जा रहा है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पांच न्याय और 25 गारंटी की बात की है । जिला कांग्रेस समिति भी इसी पर फोकस कर रही है।
ब्राह्मण, मुस्लिम और दलित पर कांग्रेस की नजर
कांग्रेस संगठन जिले के जातीय समीकरण पर नजर रखे हुए है। विधानसभा में जिस जाति का अधिक प्रभाव है, उसी के मुताबिक संगठन के पदाधिकारियों को लगाया गया है। पुराने कांग्रेसियों की भी मदद ली जा रही है। कांग्रेस रायबरेली में अभी भी अपने पुराने ब्राह्मण, मुस्लिम और दलित (बीएमडी) फार्मूले को मुफीद मान रही है। इसी कारण इस चुनाव में भी पार्टी इसी फार्मूले पर काम कर रही है।
भाजपा को भी कांग्रेस के पत्ते खुलने का इंतजार
प्रियंका गांधी का नाम जब से रायबरेली में चला है, तब से भाजपा भी इंतजार कर रही है। पार्टी के जानकार इस कारण किसी भी प्रत्याशी के नाम की चर्चा तक नहीं कर रहे हैं। सब कुछ गुप्त रखा गया है। रायबरेली से कौन उतर रहा है, इस पर भाजपा के बड़े पदाधिकारियों को भी पता नहीं है।
प्रियंका ही रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी
कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने से पूरी पार्टी को फायदा होगा। औऱ बूथ स्तर से लेकर न्याय पंचायत तक कार्यकर्ता और पदाधिकारी मेहनत करने में लगे हुए हैं। सबको उम्मीद है कि केंद्रीय कांग्रेस कमेटी मई के पहले सप्ताह तक प्रियंका गांधी के नाम की घोषणा कर देगी और कम से कम इस परम्परागत सीट को पार्टी बचा पाने में कामयाब जरुर होगी।