Loksabha Election 2024 Dholpur- Karauli: धौलपुर। पूर्वी राजस्थान की धौलपुर- करौली सीट पर लोकसभा चुनाव के महासंग्राम के बीच रविवार को दिलचस्प पॉलिटिकल ड्रामा देखने को मिला। यहां प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की चुनावी सभा चल रही थी, तभी बसपा विधायक की बीजेपी के चुनावी मंच पर एंट्री होती है, इसके बाद बसपा विधायक भाजपा प्रत्याशी इंदुदेवी के समर्थन में वोट मांगता नजर आता है…क्या है पूरा मामला…आपको बताते हैं।
भाजपा का मंच, बसपा विधायक की एंट्री
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन दिनों चुनाव प्रचार में जुटे हैं। इस कड़ी में सीएम भजनलाल धौलपुर जिले के सैंपऊ पहुंचे थे, यहां उन्होंने करौली- धौलपुर सीट से भाजपा की प्रत्याशी इंदुदेवी के समर्थन में चुनावी सभा की। सभा चल ही रही थी कि इस बीच बाड़ी से बसपा विधायक जसवंत गुर्जर की मुख्यमंत्री के चुनावी मंच पर एंट्री हुई। बसपा विधायक को भाजपा की चुनावी सभा में देख एक बार तो लोग भी चौंक गए।
बसपा विधायक बोले- भाजपा को जिताओ
धौलपुर- करौली सीट पर यह पॉलिटिकल ड्रामा यहीं नहीं थमा…बल्कि कुछ ही देर में बसपा विधायक जसवंत गुर्जर भाजपा के चुनावी मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का गुणगान करने लगे। तो इसके बाद उन्होंने भाजपा प्रत्याशी इंदु देवी के समर्थन में भीड़ से वोट भी मांगे। मंच से जसवंत सिंह गुर्जर ने करौली धौलपुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी को जिताने की अपील की ।
…भीड़ जाने लगी तो दे दी कसम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सभा में भीड़ का भी टोटा रहा। इस बीच मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान सभा से कुछ लोग जाने लगे, तो जसवंत गुर्जर ने मंच से भीड़ को रोकने के लिए भगवान की कसम भी दिलाई।
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भाजपा नेता गिर्राज मलिंगा रहे नदारद
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की इस चुनावी सभा में जितना बसपा विधायक जसवंत गुर्जर की उपस्थिति ने सबको चौंकाया। उतनी ही चर्चा भाजपा नेता और बाड़ी से पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की सभा में अनुपस्थिति की भी रही। बताया जा रहा है मलिंगा और जसवंत दोनों एक दूसरे के राजनीतिक विरोधी हैं, गिर्राज मलिंगा की अनुपस्थिति की यही बड़ी वजह मानी जा रही है।
जसवंत गुर्जर का सियासी सफर
बाड़ी से मौजूदा बसपा विधायक जसवंत गुर्जर का बीजेपी से पुराना नाता रहा है। 1998 में जसवंत बीजेपी से विधायक बने थे। इसके बाद हुए चार विधानसभा चुनावों में से तीन चुनावों में भी भाजपा ने जसवंत को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन वो इन सभी चुनावों में हार गए और इसके बाद जसवंत सिंह ने भाजपा को छोड़कर बसपा का दामन थामा था। लेकिन, अब फिर से वो भाजपा के चुनावी मंच पर नजर आए हैं।