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Loksabha Election 2024 Dholpur Karauli Seat : धौलपुर- करौली सीट के बदलेंगे सियासी समीकरण ! कांग्रेसी विधायक का परिवार बीजेपी में शामिल

Loksabha Election 2024 Dholpur Karauli seat

Loksabha Election 2024 Dholpur Karauli Seat : धौलपुर। राजस्थान में लोकसभा के चुनावी महासंग्राम के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्वी राजस्थान की धौलपुर सीट से कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा का परिवार भाजपा में शामिल हो गया है। विधायक शोभारानी के परिवार की माली-कुशवाह समाज में अच्छी पैठ है। ऐसे में विधायक के प्रतिनिधि सहित उनके परिवार के अन्य सदस्यों के बीजेपी ज्वाइन करने से धौलपुर- करौली सीट पर सियासी समीकरण बदल सकते हैं।

धौलपुर से कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा और देवर उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ी तादाद में समर्थकों के साथ रविवार शाम बीजेपी ज्वाइन की। इन्होंने बीजेपी के जिला कार्यालय पर कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और लोकसभा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।

धौलपुर- करौली सीट पर बदलेंगे समीकरण !

कांग्रेस विधायक शोभारानी के परिवार के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब करौली- धौलपुर लोकसभा सीट के सियासी समीकरण बदल सकते हैं। क्योंकि विधायक शोभारानी के परिवार की धौलपुर- करौली के साथ आसपास के जिलों में भी माली-कुशवाहा समाज में अच्छी पैठ मानी जाती है। यह समाज इस सीट के चुनावी गणित में काफी अहम है। ऐसे में कुशवाहा के परिवार की इस पैठ का बीजेपी को लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है।

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क्रॉस वोटिंग पर बीजेपी ने किया था बर्खास्त

शोभारानी कुशवाहा साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीती थीं। लेकिन साल 2020 में उन्होंने गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान पर्दे के पीछे गहलोत का साथ दिया। हालांकि उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली। इसके बाद राज्यसभा चुनाव में भी शोभारानी पर क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट करने का आरोप लगा। जिस पर भाजपा ने शोभारानी को नोटिस देकर पार्टी से बर्खास्त कर दिया था।

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दल बदलने की पुरानी परंपरा

शोभारानी के परिवार  ने 2013 में राजनीतिक सफर शुरु किया था। 2013 में शोभारानी के पति बीएल कुशवाह बसपा से चुनाव लड़कर विधायक बने। साल 2016 में बीएल कुशवाह को हत्या के षड्यंत्र के आरोप में धौलपुर कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा हो गई। इसके बाद 2017 में उपचुनाव हुआ, तो शोभारानी कुशवाह ने बसपा छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर ली और विधायक बनीं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में शोभारानी ने फिर भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो शोभारानी बिना कांग्रेस ज्वाइन किए अशोक गहलोत के समर्थन में आ गईं। इसके बाद साल 2023 के विधानसभा चुनाव में शोभारानी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की है।

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