Loksabha election 2024 : राजस्थान की हॉट सीट कोटा-बूंदी से ओम बिरला कल करेंगे नामांकन, CM समेत कई नेता रहेंगे मौजूद

Loksabha election 2024 : कोटा। देश की सबसे हॉट सीटों में शुमार राजस्थान की कोटा बूंदी लोकसभा सीट पर पूरे देश की नजर है। यहां से वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भाजपा की ओर से उम्मीदवार है। बिरला कल नामांकन दाखिल करेंगे। वे तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। नामांकन दाखिल करने बिरला रैली के रूप में रवाना होंगें ये रैली कोटा उम्मेद क्लब के सामने से रवाना होगी और कलेक्ट्रेट तक जाएगी। इससे पूर्व आमसभा भी होगी। जिसको मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, मदन दिलावर, हीरालाल नागर सहित राजस्थान के मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे। भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला ने आज आमसभा स्थल का जायजा लिया। इस दौरान बिरला के बड़े भाई हरिकृष्ण बिरला भी उनके साथ नजर आए। बिरला को आशा है कि उनकी नामांकन रैली में खूब भीड़ जुटेगी। क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान बिरला और बीजेपी के अन्य नेताओं ने लोगों से व्यक्तिगत मिलकर रैली, आमसभा का न्योता दिया हैं।

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तीसरी बार बिरला पर मोदी का भरोसा

ओम बिरला ने वर्ष 2014 और 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर बिरला पर भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा है। कोटा बूंदी संसदीय सीट को बीजेपी के लिए आसान माना जाता है, मगर इस बार, समीकरण गुंजल के चुनाव लड़ने से कुछ बदले हैं। लेकिन जनता का साथ किसे मिलता है और जीत का सेहरा किसके सिर सजता है, ये तो 4 जून को परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।

कोटा में कुल 20.62 लाख मतदाता

कोटा बूंदी लोकसभा में कुल 20 लाख 62 हज़ार 730 मतदाता हैं जिसमें से 10 लाख 61 हजार 228 पुरुष और 10 लाख 1 हजार 502 महिला मतदाता हैं। कोटा-बूंदी संसदीय सीट में 8 विधानसभा सीट शामिल हैं। इनमें कोटा जिले की कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, सांगोद, पीपल्दा, रामगंजमंडी विधानसभा और बूंदी जिले की बूंदी व केशोरायपाटन विधानसभा सीट शामिल हैं। वर्तमान में इनमें 8 सीट पर कांग्रेस और 4 सीट पर बीजेपी के विधायक काबिज हैं।

भाजपा का गढ़ रहा है कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र

कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र ज्यादातर भाजपा का गढ़ रहा है। इस सीट पर हुए कुल 17 लोकसभा चुनाव में सात बार भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। वहीं कांग्रेस यहां से केवल चार बार ही जीत सकी है। भारतीय जनसंघ ने भी इस सीट पर तीन बार कब्जा जमाया। इनके अलावा एक बार जनता पार्टी, एक बार भारतीय लोकदल और एक बार निर्दलीय प्रत्याशी की भी किस्मत इस सीट पर चमकी है।

इतिहास पर नजर

इस सीट पर 1952 में हुए पहले आम चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से नेमीचंद कासलीवाल ने पहली जीत दर्ज की। वहीं 1957 में कांग्रेस से ओंकारलाल ने बाजी मारी। 1962, 1967 और 1971 में लगातार तीन चुनावों में जनसंघ ने इस सीट पर कब्जा जमाए रखा। जनता लहर में 1977 में इस सीट पर केके गोयल जीते। 1980 में भी गोयल फिर जीत कर यहां से सांसद बने। 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां जीत मिली और कांग्रेस के शांति धारीवाल जीते। लेकिन 1989 में सीट बीजेपी के पाले में चली गई। बीजेपी के दाऊदयाल जोशी ने चुनाव जीता। इसके बाद जोशी 1996 तक लगातार तीन बार यहां के सांसद रहे। वहीं 1998 में कांग्रेस के रामनारायण मीणा ने चुनाव जीता। 1999 के चुनाव में बीजेपी के रघुवीर सिंह कौशल ने रामनारायण मीणा को हराकर बीजेपी का परचम लहराया। 2004 में भी कौशल ही सांसद बने। लोकसभा चुनाव 2009 में कोटा से कांग्रेस ने राजघराने के इज्यराजसिंह को मैदान में उतारा। कांग्रेस का ये फैसला सही साबित हुआ और इज्यराज सिंह ने कांग्रेस पार्टी को यहां जीत दिलाई। 2014 में भाजपा ने कोटा के दिग्गज भाजपा नेता ओम बिरला टिकट दी। उन्होंने इज्यराज सिंह को हराकर चुनाव जीत लिया। इसके बाद 2019 में फिर से बिरला ने चुनाव में विजय हासिल की और मोदी ने बिरला पर भरोसा जताते हुए बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया।