LOKSABHA ELECTION2024 VIDISHA SEAT: विदिशा, मध्यप्रदेश। मामा के नाम से मशहूर नेता, शिवराज सिंह चौहान जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं चुने गए तब कई तरह की प्रतिक्रियाओं की वीडियो सोशल मीडिया पर आना शुरू हुई। पर अब माहौल अलग है। भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा चुनाव के मैदान में मुख्य भूमिका देते हुए उनकी हमेशा से जीती हुई सीट पर ही उतारा है। सीट है मध्य प्रदेश की विदिशा (LOKSABHA ELECTION2024 VIDISHA SEAT)। जानते हैं विदिशा लोकसभा सीट के इर्दगिर्द हुई पूरी कहानी और उसका राजनैतिक इतिहास भी।
विदिशा लोकसभा सीट
साल 1967 में देश में चौथी बार लोकसभा का निर्वाचन चल रहा था। इसी साल मध्य प्रदेश की विदिशा सीट (LOKSABHA ELECTION2024 VIDISHA SEAT) को संसदीय क्षेत्र घोषित कर लोकसभा चुनाव लड़ा गया। कैलाश सत्यार्थी जिन्हें शांति के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया वो भी इसी जिले से आते हैं। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं। सांची, भोजपुर, विदिशा, इच्छावर, बसौदा, सिलवानी, खाटेगांव और बुधनी विधानसभा क्षेत्र हैं। इन आठ विधानसभा सीटों में भी भाजपा का कब्जा 7 पर जमा हुआ है। केवल एक ही सीट काँग्रेस के खाते में गयी। ये राजनीति के हिसाब से केंद्र में भी बहुत महत्वपूर्ण सीट रही है, विशेषतः भाजपा के लिए।
विदिशा का राजनीतिक इतिहास
मध्य प्रदेश की विदिशा सीट (LOKSABHA ELECTION2024 VIDISHA SEAT) फिर से चर्चा में इसलिए भी आई क्योंकि वहाँ से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा के लिए टिकट दी गयी। परंतु इससे पहले भी इस सीट का इतिहास बहुत दिलचस्प है। इसी सीट पर भाजपा के नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने चुनाव जीता, इसी सीट से सुषमा स्वराज, जो भाजपा की प्रभावी नेत्री रहीं और साथ ही उनके हिस्से केन्द्रीय विदेश मंत्रालय भी आया। इसके अलावा भी एक और तथ्य है जो भाजपा के पक्ष का है, अभी तक इस सीट से भाजपा ने ही ज्यादा बार जीत हासिल की है। 2019 तक विदिशा में 16 बार लोकसभा चुनाव हुए और 16 में भी 11 बार भाजपा ने जीत दर्ज की। जबकि काँग्रेस अभी तक 2 ही बार यहाँ चुनाव जीत पाई।
शिवराज सिंह और विदिशा
ये तथ्य भी जान लीजिए कि शिवराज सिंह यहाँ से 5 बार चुनाव (LOKSABHA ELECTION2024 VIDISHA SEAT) लड़ चुके हैं। 11 बार भाजपा की इस सीट पर जीत में से 5 बार जीत का झण्डा शिवराज सिंह चौहान के हाथ में ही था। यहाँ से वो सीधा मुख्यमंत्री बनने के लिए ही निकले और इस सीट पर सुषमा स्वराज को उतारा गया। इस बार छठी बार शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा टीकेट दी गयी है। यानि भाजपा ने मध्य प्रदेश कि परिधि से निकाल कर शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली कि केन्द्रीय सत्ता में स्थान देने का मन बना लिया है। बीते पाँच आम चुनावों का रेकॉर्ड देखा जाए तो विदिशा भाजपा की स्थायी सीट बनी हुई है। उम्मीदवार कोई भी हो, जीतने वाली पार्टी भारतीय जनता पार्टी ही रही है।
विदिशा का 2019 लोकसभा चुनाव
विदिशा में भाजपा के लिए 2019 का चुनाव भी विजयी रहा। इस सीट (LOKSABHA ELECTION2024 VIDISHA SEAT) से भारतीय जनता पार्टी की आलाकमान ने रमाकांत भार्गव को टिकट दिया था। जबकि काँग्रेस ने टिकट दिया शैलेन्द्र पटेल को। 2019 के चुनाव में शैलेंद्र पटेल को 349938 वोट ही मिले, जबकि भाजपा के रमाकांत भार्गव को 853022 वोट से जीत मिली। दोनों में जीत का अंतर 5 लाख से भी ज्यादा था। ऐसा ही अंतर वोट प्रतिशत में भी देखने को मिला। काँग्रेस का वोट प्रतिशत 27.99 था, वहीं भाजपा ने 68.23 प्रतिशत वोट अपने खाते में डाले।
विदिशा के मतदाताओं का गणित
विदिशा सीट पर 2019 के चुनाव में कुल मतदाता 17 लाख 41 हज़ार 604 थे। चुनाव आयोग (LOKSABHA ELECTION2024 VIDISHA SEAT) के डाटा के अनुसार 17 लाख 41 हज़ार 604 में से 9 लाख 19 हज़ार पुरुष मतदाता थे, जबकि 8 लाख 21 हज़ार से अधिक महिला मतदाता थी। इस सीट से जातीय गणना देखें तो ये हिन्दू बाहुल्य इलाका है। यहाँ 88 प्रतिशत के लगभग हिंदुओं का मत चुनाव में हार जीत सुनिश्चित करता है। वहीं 10 फीसदी मुस्लिम आबादी भी इस सीट पर मतदान कर चुनाव का रुख पलट सकते हैं।
लोकसभा चुनाव 2024
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने इस सीट के लिए अपने पत्ते तो खोल दिये जिसमें उन्होने हुकुम का इक्का यानि शिवराज सिंह चौहान जो पहले भी 5 बार सांसद रह चुके हैं को उतारा है। अब काँग्रेस की टिकट से शिवराज सिंह चौहान के सामने हैं प्रताप भानु शर्मा। इस सीट पर अपना (LOKSABHA ELECTION2024 VIDISHA SEAT) कब्जा करने के लिए या ये भी कहा जा सकता है कि साख बचाने के लिए काँग्रेस ने प्रताप भानु शर्मा को उतारा है। वैसे तो ये सीट भाजप के लिए तय मानी जा रही है पर काँग्रेस के दाव खेले जाने और चुनाव के परिणाम आने से पहले कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। इस बार लोकसभा चुनाव तीसरे फेज में होगा यानि देशभर में हो रहे चुनाव के तीसरे चरण में। मतदान की तारीख चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार 7 मई सुनिश्चित की गयी है और परिणाम 4 जून को ही आने हैं।
कौन है काँग्रेस उम्मीदवार प्रताप भानु शर्मा
आज़ाद भारत से कुछ ही महीनों पहले जन्मे प्रताप भानु शर्मा विदिशा जिले के ही रहने वाले हैं। पहले भी 2 बार विदिशा में सांसद रह चुके हैं। विदिशा में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रताप भानु को याद किया जाता है। 1980 और 1984 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सांसद बने थे। इस बार अपनी साफ छवि के साथ फिर से शिवराज सिंह के सामने खड़े हैं। उद्योगपति प्रताप भानु शर्मा 70 के दशक में जिला लघु उद्योग संगठन और और जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष भी रहे हैं।
शिवराज सिंह को मिलेगा कौनसा मंत्रालय
इस सीट पर जीत भाजपा कि ही मानी जा रही है और अगर एक बार ऐसा मान (LOKSABHA ELECTION2024 VIDISHA SEAT) भी लिया जाए क्योंकी इतिहास ऐसा ही कुछ होता दिखा भी रहा है तो शिवराज सिंह के लिए केंद्र में मंत्रालय का रास्ता खुलता नज़र आ रहा है। इसकी वजह ये भी है कि इस सीट ने केंद्रीय सत्ता और सरकार में हमेशा बड़ा स्थान दिया है। फिर चाहे वो अटल बिहारी वाजपेयी का प्रधानमंत्री बनना हो या सुषमा स्वराज का विदेश मंत्री। खुद शिवराज सिंह इसी सीट से जीतने के बाद ही मुख्यमंत्री बने थे। ये मध्य प्रदेश की विदिशा सीट बड़े नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियों के लिए संभावनाओं का द्वार खोलती रही है और ऐसी ही संभावनाओं का आसार अभी दिखाई दे रहा है।
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