फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अमेरिका दौरे पर हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच मतभेद साफ नजर आए।
डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अपनी योजनाओं का ज़िक्र किया, लेकिन मैक्रों ने उनकी डील की असलियत उजागर कर दी। मैक्रों ने कहा कि वे भी शांति चाहते हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने रूस के वादों को न निभाने के इतिहास को लेकर चेतावनी दी।
पूरी बातचीत के दौरान मैक्रों इस बात पर जोर देते रहे कि शांति समझौते में सुरक्षा की पक्की गारंटी होनी चाहिए, ताकि रूस दोबारा यूक्रेन पर हमला न कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी समझौते की जांच और पुष्टि ज़रूरी होगी।
Notable moment in the Oval Office where Trump says “Europe is loaning the money to Ukraine” and “they’re getting their money back” when Macron interrupted to say, “No, in fact, to be frank, we paid. We paid 60% of the total effort.” pic.twitter.com/QFzv9WhsIz
— Kaitlan Collins (@kaitlancollins) February 24, 2025
रूस के साथ डील न लगे यूक्रेन का सरेंडर
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि उन्होंने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी बैठक में शांति स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि अगर यूक्रेन को जबरन आत्मसमर्पण करना पड़ा, तो शांति संभव नहीं होगी।
CNN के मुताबिक, व्हाइट हाउस में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैक्रों ने कहा, “शांति का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि यूक्रेन हार मान ले। यह बिना किसी गारंटी के युद्ध विराम भी नहीं होना चाहिए। शांति का मतलब यह होना चाहिए कि यूक्रेन की संप्रभुता बनी रहे और उसे बाकी देशों के साथ बातचीत करने का पूरा हक मिले।”
मैक्रों ने ट्रंप की बात को बीच में रोकते हुए उनके तथ्यों को सही किया
पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने सुरक्षा गारंटी का जिक्र नहीं किया। एक मौके पर मैक्रों ने ट्रंप की बात को बीच में रोकते हुए उनके तथ्यों को सही किया।
दरअसल, ट्रंप यूरोप द्वारा यूक्रेन को दी जा रही मदद पर अपनी राय रख रहे थे। उन्होंने कहा, “यूरोप यूक्रेन को पैसे उधार दे रहा है और उन्हें अपना पैसा वापस मिल रहा है।” इस पर मैक्रों ने तुरंत हस्तक्षेप किया। उन्होंने ट्रंप का हाथ पकड़ते हुए कहा, “नहीं, सच यह है कि हमने भुगतान किया है। हमने कुल प्रयास का 60% हिस्सा दिया है। यह सिर्फ ऋण नहीं, बल्कि गारंटी और अनुदान भी था, बिल्कुल अमेरिका की तरह।”
ट्रंप ने इस पर हल्की मुस्कान दी, लेकिन उनकी असहमति साफ झलक रही थी। यह पल दिखा गया कि यूक्रेन को लेकर दोनों नेताओं के विचार अलग-अलग हैं।