राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Magh Gupt Navratri 2024: इस साल की पहली गुप्त नवरात्रि (Magh Gupt Navratri 2024) 10 फरवरी, शनिवार शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो रही है और 18 फरवरी, रविवार को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। माघ गुप्त नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। वहीं इस नवरात्रि में गुप्त रूप से देवी मां की 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। इस साल की माघ गुप्त नवरात्रि बहुत ही खास होने वाली है क्योंकि इन 9 दिनों में कई अद्भुत योग बन रहे है। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से साधक आर्थिक संकट,दोष,रोग और समस्याओं से छुटकारा पा सकते है।
माघ गुप्त नवरात्रि में बन रहे है 16 शुभ योग
माघ गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में 16 शुभ अद्भुत योग बनने जा रहे है जिसमें दो सर्वार्थ सिद्धि, त्रिपुष्कर, सिद्धि, साध्य,इंद्र, अमृत सिद्धि,शुभ, शुक्ल, शिव योग और छह रवि योग जैसे 16 योग शामिल है। इस दौरान साधक विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा करे और दुर्गा सप्तशती का पाठ व आरती करे।
गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त
माघ गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि की शुरूआत शनिवार, 10 फरवरी की सुबह 04 बजकर 28 मिनट से होने जा रही है और यह तिथि अगले दिन यानी 11 फरवरी, रविवार को रात में 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। वहीं घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी को सुबह 08 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर सुबह 10 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त की पूरी अवधि सिर्फ 1 घंटा 25 मिनट रहेगी।
गुप्त नवरात्रि में इन 10 महाविद्याओं की जाती है साधना :-
1. मां काली
2. मां तारा
3. मां त्रिपुर सुंदरी
4. मां भुवनेश्वरी
5. मां छिन्नमस्ता
6. मां त्रिपुर भैरवी
7. मां धूमावती
8. मां बगलामुखी
9. मां मातंगी
10. मां कमला
साल में होती है 4 नवरात्रि
नवरात्रि का पर्व बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है। पंचांग के अनुसार साल में 4 नवरात्रि मनाई जाती है। यह नवरात्रि चैत्र,आश्विन, अषाढ़ और माघ में पड़ती है। माघ माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस दौरान मां दुर्गा की उपासना और पूजा गुप्त रूप से की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाती है और मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है।
इस विधि से करें गुप्त नवरात्रि की पूजा
नवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे। इसके बाद पूजा के स्थान पर छौटी चौकी लगाए और उस पर लाल वस्त्र बिछा कर मां दुर्गा की प्रतिमा या फिर मूर्ति की स्थापना करें। इसके बाद मां के समक्ष कलश स्थापना करे। कलश स्थापना के साथ ही मां को चुनरी,16 श्रृंगार,फूल,अक्षत,कुमकुम इत्यादि सब अर्पित करे। इसके बाद मां के मंत्रों का जाप करे और दुर्गा चालीसा का पाठ करे। दुर्गा मां की आरती करे और उसके बाद प्रसाद का भोग लगाएं। कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने वाले लोग फलाहार या व्रती भोजन ही ग्रहण कर सकते है। ऐसा करने से मां दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती है।
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