Maha Navami 2024: लखनऊ। चैत्र नवरात्रि की महानवमी 16 या 17 अप्रैल को है इसको लेकर तमाम लोगों के मन में दुविधा है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बतायेंगे कि कब है महा नवमी और कब व्रत को समाप्त करना है।
महानवमी (श्री रामनवमी)व्रत व पूर्णाहूति बुधवार 17 अप्रैल को
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान”ट्रस्ट”के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय ने बताया कि महाष्टमी व्रत (Maha Navami 2024) मंगलवार को है। वहीं रात्रि काल में घरों में की जाने वाली महानिशा ( महानवमी) पूजा मंगलवार को ही की जाएगी।
महानवमी व्रत बुधवार (Maha Navami 2024) को है। चैत्र शुक्ल नवमी तिथि साय:5:22 तक है अतः पूर्णाहूति उपरोक्त समय के बीच सूर्योदय से लेकर साय:05:22 तक कभी भी किया जा सकता है ।
ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय बताते है कि कुमारी कन्याओं (Maha Navami 2024)के पूजन पूर्णाहुति के पश्चात् ही करना चाहिए।
कुमारी कन्या पूजन माहात्म्य
शास्त्रों में 10 वर्ष तक की ही कन्या को कुमारी कहा गया है अतः2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की ही कन्या होनी चाहिए। साथ में एक बालक बटुक के रूप उनका भी पूजन अवश्य करना चाहिए।
धर्मशास्त्रानुसार एक कन्या पूजन से ऐश्वर्य की प्राप्ति,दो कन्या पूजन (Maha Navami 2024) से भोग एवं मोक्ष की प्राप्ति,तीन कन्या पूजन से धर्म-अर्थ-काम की प्राप्ति,चार कन्या पूजन से पद व प्रतिष्ठा की प्राप्ति, पाँच कन्या पूजन से विद्या बुद्धि की प्राप्ति, छः कन्या पूजन से षट्कर्म की प्राप्ति,सात कन्या पूजन से बल व पराक्रम की प्राप्ति,आठ कन्या पूजन से धन व ऐश्वर्य की प्राप्ति,नौ कन्या पूजन से समस्त सिद्धियों की प्राप्ति है।
कब करना है पारण
ज्योतिषाचार्य राकेश पांडेय के अनुसार नवरात्र व्रत के बाद पारण 18 अप्रैल गुरुवार को प्रातः सूर्योदय के पश्चात किया जाना उत्तम है।
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