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Mahadev Temple Rishikesh: शिव​जी का ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग का नहीं होता जलाभिषेक, जानें इसके पीछे की वजह

Mahadev Temple Rishikesh

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Mahadev Temple Rishikesh: शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष (Mahadev Temple Rishikesh) महत्व है। माना जाता हैं कि सभी देवताओं में शिव जी को प्रसन्न करना सबसे आसान होता है। तभी तो उन्हें भोलनाथ कहा जाता है। भारत में शिवजी के कई मंदिर है जो अपनी बनावट और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन आज हम आपको शिवजी के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जो सभी मंदिरों में अलग है। इस मंदिर शिवलिंग पर जल की जगह सिर्फ फूल चढ़ाने की इजाजत है। तो आइए जानते है कहां है यह मंदिर और क्या है इसके पीछे की वजह

श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर, ऋषिकेश

Mahadev Temple Rishikesh

महादेव का यह मंदिर उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश में स्थित है। भारत में ऋषिकेश को एक पावन तीर्थ स्थल माना गया है। जहां पर कई पवित्र और प्रसिद्ध मंदिर और सुंदर घाट स्थापित है। हर वर्ष लाखों लोग यहां घूमने और मंदिरों के दर्शन करने आते है। ऋषिकेश में शिव जी का यह मंदिर श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का प्रसिद्धि का मुख्य कारण इस मंदिर में स्थापित मरकरी का शिवलिंग है। इस शिवलिंग पर लोगों को जल चढ़ाना सख्त मना है। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु शिवलिंग पर जल की जगह फूल चढ़ाते है।

क्यों है शि​वलिंग पर जल चढ़ाना मना

Mahadev Temple Rishikesh

शिवलिंग पर जल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है लेकिन इस मंदिर में शिवलिंग मरकरी का बना हुआ है। जिसमें ऊपर से चांदी का लेप चढ़ाया गया है। इसी वजह से इस शिवलिंग पर जल चढ़ाने की अनुमति नहीं है। सा​थ ही जब भी इस शिवलिंग की साफ सफाई की जाती है इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि शिवलिंग पर पानी ना आए। इस शिवलिंग की प्रतिदिन पूजा की जाती है लेकिन हर 15 दिनों में एक बार महापूजा का आयोजन किया जाता है। जिसमें शिवलिंग को फूलों से श्रृंगार किया जाता है। साथ ही उन्हें भोग के तौर पर कई प्रकार के फल और मिठाई चढ़ाए जाते है।

कैसे हुई इस मंदिर की स्थापना

Mahadev Temple Rishikesh

इस मंदिर में कई साल पहले मरकरी के शिवलिंग की स्थापना की गई थी। यह शिवलिंग 11.5 फुट ऊंचे बने हुए है। यह सिर्फ ऋषिकेश में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड का भी सबसे बड़ा शिवलिंग माना गया है। इस मंदिर में मरकरी के शिवलिंग की स्थापना से जुड़ी एक मान्यता है। कहा जाता है कि नागा साधुओं द्वारा एक बार कहा गया था जगत के उद्धार और कल्याण के लिए एक मरकरी का शिवलिंग होना अनिवार्य है। इसी वजह से बाबा 1008 भगत जी महाराज ने मरकरी शिवलिंग की स्थापना का निर्णया लिया। बताया जाता है कि नागा साधुओं ने अपनी विद्या और तपोबल से मरकरी को ठोकर कर इस शिवलिंग का निर्माण किया। आज यह मंदिर पूरी दुनिया में श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

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